झारखंड की खूंटी कोर्ट ने यौन शोषण के आरोपी IAS अधिकारी को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं करने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने मामले में खूंटी थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस किया है और आठ सितंबर तक जवाब देने का आदेश दिया है. आरोपी आईएएस अधिकारी सैयद रियाज अहमद को कोर्ट में उपस्थित नहीं करने पर जस्टिस सत्यपाल ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ निर्गत समन का तामील कराकर प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत क्यों नहीं किया गया. ऐसी स्थिति में क्यों न न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के लिए थाना प्रभारी का वेतन बंद करने का आदेश पारित किया जाए.
कोर्ट ने खूंटी के थाना प्रभारी को 8 सितंबर तक जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वेतन पर रोक लगा दी जाएगी. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यपाल ने समन जारी करते हुए कहा कि 20 अप्रैल 2023 को समन जारी किया गया था. जिसकी तामील कराकर आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है. यह क्यों ना समझा जाए कि आप या तो आरोपी के साथ मिले हुए हैं या आप अपने कर्तव्य का पालन करने में अक्षम पुलिस पदाधिकारी हैं और आपने लोक पदाधिकारी होते हुए विधि के अंतर्गत दिए गए निर्देश का पालन नहीं किया है.
ऐसी स्थिति में थाना प्रभारी द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन न करने के लिए वेतन बंद करने का आदेश क्यों न पारित किया जाए? कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि संबंधित थानेदार इस स्पष्टीकरण का जवाब आठ सितंबर तक कोर्ट में प्रस्तुत करें. यदि आपने कोई उत्तर नहीं दिया तो यह समझा जाएगा कि आपको अपने पक्ष में कुछ नहीं कहना है और समुचित आदेश पारित कर दिया जाएगा. इस स्पष्टीकरण के साथ पुनः समन की प्रति तामील के लिए भेजी जा रही है.
बता दें कि आईआईटी की एक छात्रा जो इंटर्नशिप करने खूंटी आई थी, उसने सेक्सुअल एसडीएम रियाज अहमद के खिलाफ यौन शोषण का केस दर्ज करवाया था. उसके बाद एसडीएम को हिरासत में ले लिया गया था. उनको सस्पेंड भी किया गया था. एसडीएम पर आरोप है कि उसने एक डिनर पार्टी होस्ट की थी, जिसमें शराब भी सर्व की गई थी. पीड़िता का आरोप है कि डिनर पार्टी के बाद एसडीएम ने उसके साथ यौन शोषण किया था.