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Deoghar Ropeway: पन्नालाल बने रियल हीरो, ट्रॉलियों में फंसे लोगों की ऐसे बचाई जिंदगी

देवघर के त्रिकुट पर्वत पर रोपवे में फंसे लोगों को बाहर निकालने में रोपवे मेंटेनेंस कर्मचारी पन्नालाल की अहम भूमिका रही. उन्होंने दर्जनों लोगों को अपने कंधे पर उठाकर चार किलोमीटर दूर तक सुरक्षित पहुंचाया. तीन दिन तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 48 लोगों की जान बचाई गई.

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रोप-वे पर फंस गई थीं ट्रॉलियां(PTI)
रोप-वे पर फंस गई थीं ट्रॉलियां(PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पन्नालाल ने रेस्क्यू के दौरान दर्जनों लोगों की बचाई जान
  • कंधे पर उठाकर 4 KM दूर तक पहुंचाया सुरक्षित
  • तीन दिनों तक चला देवघर रोपवे रेस्क्यू

झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत पर रोपवे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन 45 घंटे तक चला. इस पूरे रेस्क्यू में बांसडीह गांव के रहने वाले पन्नालाल उर्फ पान पंजियार लोगों के लिए रियल हीरो साबित हुए हैं. रेस्क्यू के दौरान उन्होंने कई लोगों की मदद की. कंधे पर बैठाकर लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया.

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रविवार शाम 4 बजे त्रिकूट पर्वत पर रोपवे की ट्रालियां आपस में टकरा गई थीं. इस हादसे करीब आधा दर्जन ट्रालियां हवा में अटक गई थीं, जिसमें करीब 50 से अधिक लोग सवार थे. जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त कुछ लोग घायल हुए थे, जिनमें एक की मौत हो गई थी. इसके बाद सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने 45 घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर बाकी लोगों को निकाला. इस हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. मंगलवार को एक महिला रस्सी से फिसल गई, जिसकी भी मौत हो गई. 

पन्नालाल की हुई तारीफ

रेस्क्यू किये गए लोगों को त्रिकुट से लगभग चार किलोमीटर दूर एयर बेस तक लाकर सीधे अस्पताल पहुंचाया जा रहा था. रोपवे मेंटेनेंस कर्मचारी पन्नालाल ने हादसे के दिन से कई लोगों को सुरक्षित निकाला. स्थानीय लोगों की मदद से कंधे पर उठाकर पहाड़ और पत्थरों के बीचों-बीच से जंगल पार कर लोगों को हॉस्पिटल पहुंचाया. रेस्क्यू ऑपरेशन देखने पहुंचे स्थानीय लोगों ने पन्नालाल की जमकर तारीफ की और उनके जज्बे को सलाम किया.

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पन्नालाल उर्फ पान पंजियार.
पन्नालाल उर्फ पान पंजियार.

लोगों ने सुनाई आपबीती: 

रोपवे की ट्राली में फंसे बिहार के मधुबनी जिले के एक शख्स ने कहा, 'जब हम लोग फंसे तो लग रहा था कि कोई नहीं बचेगा, हम लोगों की जान चली जाएगी, लेकिन रेस्क्यू टीम ने हमारी जान बचा ली.' रेस्क्यू के दौरान एक बच्चे ने कहा, 'हमको बहुत मजा आया, जब रस्सी ऊपर खीची गई तो हमको बहुत अच्छा लगा था.'

ट्राली में फंसी एक बच्ची ने बताया, 'जब ट्राली हिल रहा था, तभी डर लग रहा था, वरना कोई डर नहीं लग रहा था, हम सब पूरी रात भूखे रहे, मंगलवार सुबह 11.30 बजे कुछ खाया और पानी पीया.' बच्ची ने कहा, 'जब हमें उतारा जा रहा था, तब अच्छा लग रहा था, लेकिन जब बीच में रस्सी रूक गई तो लगा कि गिर जाएंगे.'

मुख्यमंत्री करेंगे सम्मानित

पन्नालाल के अलावा रेस्क्यू ऑपरेशन में अपनी जान का बाजी लगा देने वाले सभी जवानों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित करने का ऐलान किया है. झारखंड के मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बुधवार ट्वीट किया गया कि 'त्रिकूट पहाड़ हादसे में एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ-साथ जान जोखिम में डालकर, फंसे हुए लोगों की जान बचाने वाले पन्नालाल जी को भी माननीय मुख्यमंत्री हेमेंत सोरेन सम्मानित करेंगे.'
 

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