पिलिन तूफान के गुजर जाने के बाद अब झारखंड उसके आफ्टर इफेक्ट झेल रहा है. इस दौरान हुई भारी बारिश और निचले इलाको में जल जमाव के कारण वायरल फीवर, मलेरिया, डेंगू और टायफाइड पीड़ितों से अस्पतालों के वार्ड भरे पड़े हैं.
हाल ये है की अस्पतालों में बेड की कमी के कारण मरीज फर्श पर ही इलाज करवाने को विवश है. बीते दो दिनों में ही सिर्फ मलेरिया से पीड़ित 200 मरीज रांची के रिम्स अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे है. लगभग यही हाल शहर के अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों का है.
गैर-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रांची में ही अब तक दो दर्जन से अधिक मौतें हो चुकी है. डॉक्टरों का कहना है कि जल-जमाव और गन्दगी के कारण डेंगू और मलेरिया के मच्छर पनप रहे है. गौरतलब है की झारखंड मलेरिया जोन है और हर साल यहां सरेब्रल मलेरिया से सैकड़ों मौतें होती हैं. डाक्टरों की कमी के कारण हालात और भी बदतर हो गए हैं.
रिम्स अस्पताल के प्रभारी निदेशक डॉ केके सिन्हा ने बताया कि जल-जमाव और गन्दगी के कारण डेंगू और मलेरिया के मच्छर पनप रहे हैं और लोग इसके शिकार हो रहे हैं.