झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन घोटाला मामले में बुधवार को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. जांच एजेंसी ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के साथ-साथ भूमि माफियाओं से कथित संबंधों के अलावा कई संपत्तियों के अवैध कब्जे के आरोप लगाए हैं. अब इस मामले में इंडिया टुडे को जांच से जुटी जानकारी मिली है. इसी के आधार पर जांच एजेंसी ने हेमंत सोरेन पर अपना शिकंजा कसा है.
'भानु प्रताप के मोबाइल के डाटा से हुआ खुलास'
जांच एजेंसी ईडी को अपनी जांच में पता चला कि जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में भानु प्रताप प्रसाद ने सक्रिय रूप से अन्य लोगों के साथ अवैध तरीके से संपत्ति हासिल करने की साजिश में शामिल थे. इस मामले में झारखंड के पूर्व हेमंत सोरेन भी शामिल हैं. जांच के दौरान भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल को जब्त किया गया था और हिसारत के वक्त उनके सामने मोबाइल के डाटा को निकाला गया, जिसमें उनके तार सोरेन से जुड़ रहे थे.
इस मोबाइल से मिले डेटा में नकद लेनदेन से संबंधित कई चैट और जानकारियां मिली साथ ही जमीन को अधिग्रहण में दूसरों को दिए अवैध लाभ भी जानकारी मिली. इसके अलावा मोबाइल में हेमंत सोरेन द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर अधिग्रहित की संपत्तियों की सूची की एक तस्वीर भी मिली थी जो उनके अधिकारी क्षेत्र में स्थित थी. इस जमीन का क्षेत्रफल लगभग 8.5 एकड़ था.
भानु प्रताप ने किया था जमीन का निरीक्षण: ED
ईडी की जांच में आगे बताया गया कि भानु प्रताप प्रसाद ने खुद जाकर जमीन का निरीक्षण किया था, जिसे सीएमओ के सर्कल ऑफिसर के माध्यम से उन्हें दी गई थी. मामले में भानु प्रसाद की मदद से जमीन के मूल रजिस्ट्री के कब्जे से स्थापित की गई थी और जमीन के असली मालिकों के रिकॉर्ड को उनके द्वारा अपने घर में छुपाए गए थे. वहीं, भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल से बरामद संपत्तियों के संबंध में हाथ से लिखे नोट भी मिले थे.
जांच में आगे पता चला कि बाद में इन्हीं संपत्तियों पर हेमंत सोरेन का कब्जा है और उस रजिस्टर के रिकॉर्ड को भी गलत साबित करने की कोशिश की गई, जिससे संपत्ति को सोरेन के नाम दर्ज किया जा सके, लेकिन इन कोशिशों पर रजिस्टर ऑफिस ने अपनी कार्रवाई में पानी फेर दिया.
एजेंसी का दावा है कि हेमंत सोरेन ने अपराध से होने वाली आय के अधिग्रहण, कब्जे और उपयोग से जुड़ी प्रक्रिया में सीधे तौर पर हिस्सा लिया है. अवैध तरीकों से हासिल की संपत्ति को बेदाग संपत्ति के रूप में दिखाने के लिए मूल अभिलेखों को छुपाने से संबंधित गतिविधियों में हेमंत सोरेन सब कुछ जानते हुए भी भानु प्रताप प्रसाद के साथ खड़े रहे. इसके अलावा अपराध की आय को बेदाग संपत्ति के रूप में पेश करने उसके अधिग्रहण, कब्जे और इस्तेमाल से जुड़ी प्रक्रिया या गतिविधि आज भी जारी है, क्योंकि वह अभी भी इसके कब्जे से अपराध की कमाई की रकम ले रहे है.
'दिल्ली आवास से बरामद की भारी नकदी'
ईडी ने आगे बताया कि बीते दिनों झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास 5/1 शांतिनिकेतन, नई दिल्ली में छापेमारी में कमरे की अलमारी से 36,34,500 रुपये की बड़ी नकदी जब्त की गई थी. साथ ही धोखाधड़ी से अर्जित की गई लैंड प्रॉपर्टी के अधिग्रहण के मामले में जांच से जुड़े कुछ अन्य दस्तावेजों को भी जब्त किया गए.
'सोरेन के खिलाफ हैं पर्याप्त सबूत'
इन सभी फेक्ट और अपराध से जुड़ी एक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए, ये देखा गया है कि हेमंत सोरेन कथित भानु प्रताप प्रसाद के साथ एक पार्टी हैं. हेमंत के खिलाफ अपराध की एक्टिविटी में शामिल होने और अपने नाम, परिवार के नाम संपत्ति लेने के पर्याप्त सबूत हैं और जिन संपत्तियों पर कब्जा किया है, उन्हें अब छिपाने की कोशिश की जा रही है.