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चारा घोटाले में लालू यादव पर फैसला इसी महीने

झारखण्ड में हुए चारा घोटाले के एक मामले में कोर्ट के फैसले की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इसके साथ ही लालू प्रसाद यादव समेत कई हाई-प्रोफाइल आरोपियों का राजनैतिक भविष्य भी दांव पर लग गया है.

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लालू यादव
लालू यादव

झारखण्ड में हुए चारा घोटाले के एक मामले में कोर्ट के फैसले की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इसके साथ ही लालू प्रसाद यादव समेत कई हाई-प्रोफाइल आरोपियों का राजनैतिक भविष्य भी दांव पर लग गया है.

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दरअसल चाईबासा कोषागार से लगभग 37 करोड़ 70 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में दर्ज कांड सख्या आरसी 20 ए/96 में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो गई है. बहस पूरी होने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. सूत्रों की मानें तो विशेष अदालत का फैसला इसी महीने के अंत तक आ सकता है.

गौरतलब है की सुप्रीम कोर्ट के दागियों के चुनाव लड़ने सम्बन्ध में ताजा आदेश के मद्देनजर भी विशेष अदालत के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में दो वर्ष से अधिक की सजा पाए लोगों के चुनाव लड़ने पर पाबन्दी लगा दी थी. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की आस लगाये लालू प्रसाद यादव पर यह फैसला भारी गुजर सकता है क्‍योंकि यदि लालू प्रसाद यादव को अदालत दोषी पाती है तो उन्हें सात साल तक की सजा हो सकती है. ऐसे में उनका राजनैतिक भविष्य दावं पर है.

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चारा घोटाले के तहत झारखण्ड में लालू प्रसाद यादव पर कुल पांच मामले दर्ज हैं. अन्य मामलों में कांड संख्या आरसी 47ए/96 के तहत रांची के डोरंडा से अवैध निकासी का मामला, जिसमें 184 करोड़ की निकासी हुई है, इसमें अभी गवाही चल रही है. वहीं कांड संख्या आरसी 38ए/96 में दुमका कोषागार से 3.47 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है, जिसकी गवाही चल रही है. जबकि कांड संख्या आरसी 64ए/96 में देवघर कोषागार से 97 लाख की अवैध निकासी के मामले में भी अभी गवाही चल रही है. आरसी 63ए/96 भागलपुर ट्रेजरी का मामला है जिसकी सुनवाई पटना के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में हो रही है.

लालू पर चल रहे इन सभी मामलों में अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रावधान है. चारा घोटाला नब्बे के दशक में तब सुर्खियों में आया था जब पशुपालन विभाग में पशुओ के चारे की खरीद और ढुलाई में घोर अनियमितता की बात सामने आई थी. जिसमें चारे की ढुलाई के लिए स्कुटरों और मोटरसाइकिलो के इस्तेमाल की बात सामने आई थी, जिसके बाद साल 1996 में इस सम्बन्ध में मामला दर्ज किया गया था.

गौरतलब है की कांड संख्या आरसी 20ए/96 इस घोटाले के तहत दर्ज होने वाला पहला मामला था जिसका फैसला अब आना है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत कई हाई प्रोफाइल लोग आरोपी है, जिसमे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा जैसे नाम शामिल हैं. वैसे चारा घोटाले के तहत दर्ज 53 मुकदमों में से 44 में फैसला आ चुका है और दोषियो को सजा भी सुनाई जा चुकी है.

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वैसे इस मामले को आरोपियो द्वारा लम्बा खींचने के लिए तमाम हथकंडे अपनाये गए जिसमे मामले की सुनवाई कर रहे जज की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए मामले को किसी दुसरे जज के कोर्ट में ट्रान्सफर करने तक के लिए अर्जी दी गई. हालांकि अंत में ये सारे प्रयास विफल साबित हुए और अब फैसले की घड़ी आ पहुंची है.

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