झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा ने बुधवार को झारखंड विकास मोर्चा (प्र) के मुखिया बाबूलाल मरांडी से झारखंड और देश के हित में बीजेपी में शामिल होने की अपील की.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने एक सम्मेलन में यह अपील की और कहा, 'हम बड़े मन के लोग हैं और झारखंड और उनके माध्यम से देश के नवनिर्माण के लिए सभी लोगों को बीजेपी में स्वागत करते हैं.' उन्होंने कहा, 'बाबूलाल मरांडी से अपील है कि वह भी अपने पुराने घर बीजेपी में वापस आ जाएं, जिससे झारखंड में बकाये विकास के कार्य को पूरा किया जा सके.'
मुंडा ने कहा, 'यह साथ चलने का वक्त है. राजनीतिक स्पर्धा का वक्त नहीं है, लिहाजा मरांडी अपनी मूल पार्टी के साथ आयें.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वप्निल भारत की परिकल्पना पूरी करने के लिए आज एक साथ चलने का वक्त है और उन्हें विश्वास है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे बाबूलाल मरांडी उनकी इस अपील पर अवश्य विचार करेंगे. इससे पूर्व आज केपी शर्मा के नेतृत्व में पांच विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हुए झाविमो :प्र: के एक गुट का मुंडा ने बीजेपी के प्रदेश कार्यालय पर स्वागत किया.
मुंडा के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रवीन्द्र राय ने झाविमो के इस गुट का सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी में स्वागत किया. औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हुए झाविमों के पांच विधायक पहले ही पार्टी में शामिल हो चुके हैं और उनमें समरेश सिंह, चंद्रिका महता, निर्भय साहाबादी, जयप्रकाश भोक्ता और फूलचंद्र मंडल शामिल हैं.
इस अवसर पर भूपेन्द्र यादव ने दस वर्षों की संप्रग सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि उसने देश को भ्रष्टाचार में आकंठ डुबा दिया. उन्होंने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सरकार अब विकास के रास्ते पर बढ़ चली है और शीघ्र देश की जनता इसके सुपरिणाम देखने लगेगी. इस बीच झाविमो के मुख्य महासचिव प्रदीप यादव ने मुंडा के इस अपील को नाटक करार दिया और कहा कि यह राज्य की जनता का ध्यान बांटने का प्रयास भर है.
उन्होंने कहा कि जब बीजेपी के मजबूत होने के दावे रोज किये जा रहे हैं तो बाहर से नेताओं के आयात की क्या आवश्यकता आन पड़ी है? मरांडी झारखंड राज्य के गठन के बाद वर्ष 2000 में राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे और उनके नेतृत्व में बीजेपी की सरकार का गठन हुआ था जो वर्ष 2002 में गिर गयी थी जिसके बाद अर्जुन मुंडा राज्य के पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. बाद में मरांडी ने 2006 में अपनी नयी पार्टी झाविमो :प्र: का गठन किया था जिसने कांग्रेस के साथ मिलकर 2009 के विधानसभा चुनाव लड़े और कुल 11 सीटें जीती थीं.