झारखंड के चतरा में स्कूल की बदहाली की तस्वीर सामने आई है. यहां छात्राओं को शौच के लिए स्कूल के बगल के घरों में जाना पड़ता है. नया शौचालय बनाए बिना पुराने शौचालय को तोड़ दिया गया. करीब छह महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद शौचालय का निर्माण नहीं कराया जा सका है. न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.
दरअसल, मयूरहंड में राजकीय विवेकानंद प्लस टू उच्च विद्यालय में कक्षा एक से बारहवीं तक में 1090 छात्र-छात्राओं का नामांकन है. छात्राओं का कहना है कि शौचालय नहीं होने के कारण उन्हें स्कूल के बगल के घरों के दरवाजे खटखटाने पड़ते हैं.
घर से खाना और कम पानी पीकर आती हैं छात्राएं
छात्राओं ने आगे बताया कि साथ ही वो घर से कम खाना और कम पानी पीकर आती हैं. ताकि उन्हें शौचालय के संकट का कम ही सामना करना पड़े. शौचालय के लिए स्कूल के बगल वाले घर जाते समय स्कूल के स्टेडियम में शराब और जुआ खेलने वाले मनचले तंग करते हैं.
मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कही ये बात
वहीं, इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश कुमार मिश्रा ने बताया कि नए भवन में शौचालय निर्माण हो रहा है. भवन निर्माण के बाद कुछ समस्या हुई है, जल्द उसका निपटारा किया जाएगा.
शिक्षकों की कमी और असामाजिक तत्वों का डर
वहीं, प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेंद्र कुमार दास ने बताया कि विद्यालय में शौचालय के साथ अन्य समस्याएं भी हैं. बारहवीं कक्षा में एक भी शिक्षक नहीं है. 1 से 8 तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए विद्यालय में महज पांच ही शिक्षक हैं. विद्यालय के चारों ओर दीवार न होने के कारण असामाजिक तत्वों से भय बना रहता है.