कोरोना काल में समाज का हर वर्ग आगे आकर मदद कर रहा है. मदद छोटी या बड़ी हो सकती है, लेकिन जब युद्ध कोरोना से हो, तो सबकुछ मायने रखता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जेएसएलपीएस संपोषित सखी मंडल की बहनों ने जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर कम समय में एक लाख कोरोना किट तैयार कर दी हैं. अब इन किट का आंगनबाड़ी महिलाएं गांव-गांव में जाकर वितरण कर रही हैं.
एक लाख कोरोना किट बन कर तैयार
जेएसएलपीएस संपोषित सखी मंडल के द्वारा इस काम को लंबे समय से किया जा रहा है. कोशिश की जा रही है कि समय रहते कोरोना किट को सभी जरूरतमंद तक पहुंचा दिया जाए. इस समय उनकी तरफ से सारा ध्यान संक्रमितों की पहचान, दवाई की उपलब्धता पर दिया जा रहा है. जब ये दो काम पूरे हो जाते हैं, इसके बाद उनके वितरण के लिए आंगनबाड़ी महिलाओं की मदद ली जाती है. इसके लिए जेएसएलपीएस की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नैंसी सहाय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.
100 महिलाओं की मेहनत
इस काम को कितनी प्राथमिकता दी गई है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि करीब 100 महिलाओं ने कई घंटों तक कोरोना किट बनाने का काम किया है. ये महिलाएं रोज की 10 हजार किट पैक करती हैं. इस सब के अलावा लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उनकी तरफ से आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी किट भी तैयार की जाती हैं. ऐसे में कोरोना को हराने के लिए पूरी तैयारी की गई है. जानकारी तो ये भी मिली है कि एक बेसिक हेल्थ किट को भी तैयार किया जा रहा है. इस किट में सारी सामान्य दवाइयों को रखा गया है, फिर चाहे वो बुखार की गोली हो या फिर विटामिन डी.
अब ये काम भी इतना सफल इसलिए हो पाया है क्योंकि आंगनबाड़ी महिलाओं ने एक सक्रिय भूमिका निभाई है. हर आंगनबाड़ी महिला को 10-10 कोरोना किट दिए जाते हैं, फिर वो उन्हें गांव में देने का काम करती हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य भर में 38, 432 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, ऐसे में 3, 84, 320 किट की जरूरत पड़ने वाली है. ये लक्ष्य पूरा हो जाए, इसलिए सभी लगातार बिना रुके काम कर रहे हैं.