झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रांची में झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं.
पाकुड़ से कांग्रेस के विधायक आलमगीर आलम ने हेमंत सरकार कैबिनेट में मंत्रीपद की शपथ ली है. आलमगीर आलम झारखंड के स्पीकर भी रह चुके हैं. झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी की गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन झारखंड के साथ कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने मंत्री पद की शपथ ली. आरजेडी के विधायक सत्यनंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली.
Ranchi: Hemant Soren takes oath as the Chief Minister of Jharkhand; oath administered by Governor Droupadi Murmu. #Jharkhand pic.twitter.com/DuZEWF8pKY
— ANI (@ANI) December 29, 2019
Jharkhand: Former Jharkhand CM Raghubar Das at the oath-taking ceremony of Jharkhand CM designate Hemant Soren, in Ranchi. pic.twitter.com/NjBY0wvKMN
— ANI (@ANI) December 29, 2019
हेमंत सोरेन के शपथ समारोह के दौरान मंच पर विपक्ष के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. नई सरकार के शपथ समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सुबोध कांत सहाय, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहे.
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इसके अलावा डीएमके नेता एमके स्टालिन, जेएमएम नेता और हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह मौजूद थे.
सोरेन परिवार की विरासत
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. बीजेपी को सिर्फ 25 सीटों पर जीत मिली जबकि जेएमएम के 30 विधायक जीते और महागठबंधन को कुल 47 सीटों पर जीत मिली.
झारखंड के अलग राज्य बनने की लड़ाई हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन ने ही लड़ी थी. सोरेन परिवार पर झारखंड की जनता का विश्वास ही ऐसा है कि पांच साल बाद एक बार फिर से सोरेन परिवार झारखंड की राजनीति का सत्ता केंद्र बन गया है.
आदिवासी हित और अलग राज्य का झंडा बुलंद करने वाले शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर तीन बार आसीन रहे. इसके अलावा एक बार हेमंत सोरेन भी राज्य की सत्ता संभाल चुके हैं. ऐसे में यह पांचवीं बार होगा जब सोरेन परिवार का सदस्य मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा.