झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सौ दिन पूरे हो गए हैं. इन सौ दिनों में सरकार की हालत सौ दिनों में चले ढाई कोस वाली है. दरअसल, गठबंधन के मौजूदा सभी दल अपनी ढपली अपना राग अलाप रहे हैं. हाल ये है कि सरकार गठन के साथ ही दलों के बीच आपसी तालमेल के लिए एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया गया था, लेकिन ऐसा कुछ दिखा नहीं.
सरकार बनाने के समय हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी विभागों को 100 दिनों की कार्य योजना बनाकर काम करने के आदेश दिए थे, लेकिन 100 दिनों के बाद अमल तो दूर सरकारी विभाग कोई योजना ही नहीं बना पाए. ऐसे में पहले से ही घोटालों और भ्रष्टाचार से त्रस्त राज्य जनता बेहाल है. विडंबना यह है कि हर सरकार अपने कार्यकाल राजधानी के लिए एक नए स्थल का चुनाव करती है, जबकि दूसरी सरकार के आते ही पहलेवाली सरकार के फैसले को पलट दिया जाता है.
ऐसे में हर ओर से समस्या से घिरे झारखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज तक वेब के साथ एक खास बातचीत में कहा, 'सरकार किसी खास प्राथमिकता से बंधकर काम नहीं करना चाहती है, क्योंकि आम जनता से जुड़े सभी मुद्दे जरूरी हैं. काफी चीजे बहुत समय से रुकी पड़ी थी, उसे फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है. इसमें समय तो लगेगा. आनेवाले समय में जनता के हित से जुड़ी बहुत सी योजनाएं सामने आएंगी खासतौर पर ग्रामीण जनता को इससे खासा लाभ होगा और उन्हें विकास की मूलधारा से जोड़ा जायेगा. इन योजनाओं में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती के साथ लागू किये जाने जैसी बातें भी हैं.'
केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा बिल पर पूछे गए प्रश्न के जबाब में उन्होंने कहा की यह बिल झारखण्ड जैसे पिछड़े राज्य के लिए बहुत अच्छा है. इस बिल के बाबत विभागों से रिव्यू भी लिए गए है, जो काफी उत्साहवर्धक है और इसे जल्द ही अमल में लाया जायेगा. गठबंधन सरकार चलाने में आ रही दिक्कतों के प्रश्न पर हेमंत सोरेन ने कहा, 'ऐसा कुछ भी नहीं है बल्कि लोगों ने अपने स्वार्थ के कारण इस चलाना मुश्किल बना दिया है. हम कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत ही काम कर रहे है. सरकार की बातें सरकार के स्तर पर होती है, जबकि राजनीतिक बातें दलों के बीच आपसी बातचीत से हल की जाती है.'
सूबे में बिगड़ती कानून व्यवस्था के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि जहां तक नक्सलवाद का प्रश्न है तो यह पूरे देश की समस्या है और यह समस्या उनके कार्यकाल के समय उत्पन्न नहीं हुई. इस पर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य कर रही है. इस पर समय लगेगा. वहीँ शहर में हो रहे अपराधो की रोकथाम के लिए सभी जिलो के अधिकारिओ को सख्त निर्देश दिए गए है.
गठबंधन में सहयोगी की भूमिका निभा रहे कांग्रेस के साथ 2014 चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे में हो रहे खटपट पर सोरेन का कहना है कि सरकार और संगठन दोनों अलग-अलग चीजे है. सरकार अपनी पूरी कार्यक्षमता के साथ आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है. जहां तक कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे का प्रश्न है तो इसे लेकर कहीं कोई गतिरोध नहीं है. मेरा मानना है की जब हमलोग साथ है तो आगे आनेवाले दिनों में सभी चीजे मिल-बैठकर तय कर ली जाएंगी.