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कोयला उत्पादन वाले झारखंड में 17 घंटे बत्ती गुल, पूर्व CM रघुवर दास बोले- प्रदेश चलाने में 'अक्षम' है सोरेन सरकार

कोयला उत्पादन के गढ़ झारखंड में बिजली संकट है. यहां 15 से 17 घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है, इसे लेकर पूर्व सीएम रघुवर दास ने प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास इस समस्या से निकलने के लिए कोई भी प्लान नहीं था.

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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और सीएम हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और सीएम हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजधानी रांची में बिजली संकट से लोग परेशान
  • जमशेदपुर में घंटों बिजली की कटौती हो रही है

झारखंड की कोयला कंपनियों से देश के कई राज्यों में कोयला भेजा जाता है. लेकिन कोयला उत्पादन वाले राज्य में ही बिजली संकट खड़ा हो गया है. यहां जमशेदपुर में भीषण गर्मी में लोगों को 15-17 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. वहीं राजधानी रांची में भी कई घंटे तक बिजली गुल रहने पर लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है. इस पर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने झारखंड सरकार को 'अक्षम' करार देते हुए कहा कि सरकार ने लोगों लोगों का ध्यान नहीं रखा. लिहाजा पहले से कोई भी योजना नहीं बनाई.

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बिजली की कमी के विरोध में बिरसानगर में पूर्व सीएम रघुवरदास ने कहा कि लंबे समय तक बिजली गुल रहने से उद्योग, व्यवसाय, अस्पताल और पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है. ऐसे समय में जब बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, तब बिजली कटौती की वजह से स्टूडेंट्स को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में ये हाल है कि भीषण गर्मी के चलते लोगों को 15-17 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है.

'राज्य में बिजली संकट चिंता का विषय'

एजेंसी के मुताबिक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक राज्यों में से एक झारखंड में बिजली संकट चिंताजनक बात है. साफ तौर पर कहा जा सकता है कि प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार अक्षम है और इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए उनके पास को भी भी पूर्व योजना नहीं थी.

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पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि अगर झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार ने मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए पूर्व-योजना बनाई होती, तो वह टाटा पावर, डीवीसी या किसी अन्य कंपनी से बिजली खरीद समझौते करती. 

रघुवरदास ने किया ये दावा
 

रघुवर दास ने दावा किया कि झारखंड में जब सरकार थी तब पतरातू थर्मल पावर स्टेशन और एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन के समझौता किया गया था. उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश शासन की अक्षमता के कारण परियोजना को चालू नहीं किया जा सका. 

पूर्व सीएम ने साधा कांग्रेस पर निशाना
 

रघुवर दास ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चतरा जिले के उत्तरी कर्णपुरा में एनटीपीसी परियोजना की आधारशिला रखी थी, लेकिन यह केंद्र में यूपीए शासन के दौरान 10 साल तक ठप रही. वहीं जमशेदपुर से भाजपा सांसद विद्युत बरन महतो ने कहा कि झारखंड देश में एक प्रमुख कोयला उत्पादक राज्य होने के बावजूद भारी बिजली संकट से जूझ रहा है. बता दें कि शनिवार को भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां, पंखे, मोमबत्तियां और लालटेन लेकर आक्रोश मार्च निकाला.

बिजली संकट पर क्या बोले सीएम हेमंत सोरेन
 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में कहा था कि राज्य बिजली की मांग को पूरा करने में असमर्थ है. इसके साथ ही कहा कि उनकी सरकार ने ऊर्जा एक्सचेंजों के जरिए ओपन मार्केट से बिजली खरीदने के लिए एक्स्ट्रा बजट की मंजूरी दी है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है.देश के कई राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. अधिक दामों और राज्यों के बीच जारी कॉम्पटिशन के कारण ओपन मार्केट से बिजली खरीदना भी मुश्किल है.

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