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झारखंड: 'हेमंत सोरेन नहीं देंगे इस्तीफा', UPA नेताओं ने बताया गवर्नर से क्या हुई बात?

झारखंड की राजनीति में जारी सियासी बवाल कुछ दिन और जारी रहने वाले हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पद से इस्तीफा नहीं देने वाले हैं. जब तक राज्यपाल की तरफ से कोई फैसला नहीं आ जाता हेमंत भी इस्तीफा नहीं देने वाले हैं. वहीं राज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि दो दिन के भीतर वे कोई निर्णय ले लेंगे.

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सीएम हेमंत सोरेन
सीएम हेमंत सोरेन

झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन की सीएम कुर्सी बचेगी या नहीं, ये सबसे बड़ा मुद्दा चल रहा है. राज्यपाल कह चुके हैं कि वे एक या दो दिन बाद ही कोई फैसला देने वाले हैं, कानून के जानकारों से विचार विमश करने के बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा. ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन भी अभी अपना इस्तीफा नहीं देने वाले हैं.

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इस्तीफा नहीं देंगे सोरेन

पहले कहा जा रहा है कि आज गुरुवार को हेमंत सोरेन अपना इस्तीफा दे सकते हैं. कई दिन इंतजार करने के बाद वे आज सीएम कुर्सी छोड़ सकते थे. लेकिन यूपीए प्रतिनिधिमंडल की राज्यपाल से जो मुलाकात हुई है, उसके बाद फैसला लिया गया है कि सीएम अभी अपनी कुर्सी पर बने रहने वाले हैं. राज्यपाल के फैसला लेने के बाद ही आगे की रणनीति पर कोई फैसला लिया जाएगा.

राज्यपाल ने क्या कहा है?

इस बारे में झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष बंधु तिर्की का कहना है कि सीएम अभी इस्तीफा नहीं देने वाले हैं. राज्यपाल ने कहा है कि वे कानून के जानकारों से बात करने वाले हैं, उनसे कुछ सुझाव लेंगे. आश्वासन दिया गया है कि दो दिन के अंदर में वे स्थिति स्पष्ट कर देंगे. राज्यपाल से मुलाकात के दौरान हमने ये भी मुद्दा उठाया कि कई संवेदनशील जानकारी मीडिया को लीक कर दी गई. इस पर एक्शन होना चाहिए. राज्यपाल ने कहा है कि उनके दफ्तर से कोई खबर लीक नहीं हुई है. राज्यपाल से मिलने के बाद सरकार पांच सितंबर को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलवाने वाली है.

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रायपुर में हैं यूपीए विधायक

वैसे सोरेन तो अभी इस्तीफा नहीं दे रहे हैं, लेकिन विधायकों को टूटने से बचाने की कवायद जारी है. इसी वजह से रायपुर भेजे गए विधायकों को अभी वापस नहीं बुलाया जा रहा है. कितने दिन और वे रायपुर रहने वाले हैं, स्पष्ट नहीं, लेकिन बीजेपी पर सरकार गिराने के आरोप लगने शुरू हो गए हैं. मंत्री से लेकर विधायक तक बीजेपी पर एजेंसियों का इस्तेमाल कर सरकार अस्थिर करने का आरोप लगा रहे हैं.

विवाद क्या चल रहा है?

जिस मामले की वजह से ये पूरा विवाद शुरू हुआ है, उसके तार भी बीजेपी से ही जुड़े हुए हैं. असल में बीजेपी ने राज्यपाल के पास एक शिकायत भेजी गई थी. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा जारी करके चुनावी कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था. बीजेपी ने मांग की थी कि हेमंत सोरेन की लाभ के पद के मामले में विधानसभा की सदस्यता रद्द होनी चाहिए.

 

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