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कैसे फंस गए हेमंत सोरेन, किस अधिकारी के घर छिपे मिले दस्तावेजों के गहरे राज? ED ने किया खुलासा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंस गए हैं. ईडी ने हेमंत को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. हालांकि, हेमंत ने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया है और गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. झामुमो नेता को 2 फरवरी को रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था.

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फाइल फोटो)
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फाइल फोटो)

झारखंड में कथित जमीन घोटाले मामले में JMM नेता हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय लगातार पूछताछ कर रहा है. ईडी ने इस मामले में तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रसाद प्रताप को भी गिरफ्तार किया है. उसकी भूमिका को लेकर बड़े खुलासे हो रहे हैं. ईडी सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों भानु प्रसाद के ठिकानों पर छापेमारी में कई ट्रक कागजात मिले थे. इन दस्तावेज में जमीन घोटाले से जुड़े राज छिपे हैं. 

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ईडी की जांच में पाया गया कि मूल रजिस्टरों को कब्जे में लेने के बाद आरोपी भानु प्रताप प्रसाद की भूमिका सामने आई. उसके पास जमीन के मालिकों के रिकॉर्ड हैं जिन्हें उसने अपने घर पर छिपाकर रखा था. भानु प्रताप प्रसाद ने खुद जाकर जमीन का निरीक्षण किया था. भानु के मोबाइल से बरामद संपत्तियों के संबंध में हाथ से लिखे नोट भी मिले थे.

'संपत्तियां पर हेमंत सोरेन का कब्जा?'

जांच में आगे पता चला कि बाद में इन्हीं संपत्तियों पर हेमंत सोरेन का कब्जा है और उस रजिस्टर के रिकॉर्ड को भी गलत साबित करने की कोशिश की गई, जिससे संपत्ति को सोरेन के नाम दर्ज किया जा सके, लेकिन इन कोशिशों पर ईडी की कार्रवाई ने पानी फेर दिया. 

सब कुछ जानते हुए भी भानु प्रताप प्रसाद का साथ देते रहे हेमंत सोरेन, ED की जांच में खुलासा

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भानु प्रताप और हेमंत सोरेन के बीच बड़ी साजिश थी. भानु प्रताप प्रसाद अवैध तरीके से संपत्ति हासिल करने के लिए अन्य व्यक्तियों के साथ साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल थे, जिसमें हेमंत सोरेन भी शामिल थे, जिनके अवैध रूप से अर्जित संपत्ति का विवरण था. उसके मोबाइल फोन से उसके कब्जे वाली संपत्ति का भी पता चला है. 

'मोबाइल से खुले बड़े राज'

तलाशी के दौरान भानु प्रताप प्रसाद का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया और हिरासत में रहते हुए उसका डेटा निकाला गया. मोबाइल फोन में नकद लेनदेन, जमीन हासिल करने में दूसरों को अवैध लाभ पहुंचाने से संबंधित कई चैट और अहम जानकारियां मिली  हैं. इनके अलावा, एक तस्वीर में हेमंत सोरेन द्वारा अवैध रूप से अर्जित और कब्जे वाली भूमि संपत्तियों की सूची है, जो उनके अधिकार क्षेत्र में आती हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 8.5 एकड़ है. सीएमओ से सर्कल अधिकारी के निर्देश पर भानु प्रताप प्रसाद ने स्वयं उस जमीन का भौतिक सत्यापन किया था.

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'सब कुछ जानते हुए साथ खड़े रहे हेमंत'

हेमंत सोरेन सीधे तौर पर अधिग्रहण, कब्जे और अपराध की आय के उपयोग से जुड़ी प्रक्रिया में शामिल हैं. एजेंसी का दावा है कि हेमंत सोरेन ने अपराध से होने वाली आय के अधिग्रहण, कब्जे और उपयोग से जुड़ी प्रक्रिया में सीधे तौर पर हिस्सा लिया है. अवैध तरीकों से हासिल की संपत्ति को बेदाग संपत्ति के रूप में दिखाने के लिए मूल अभिलेखों को छिपाने से संबंधित गतिविधियों में हेमंत सोरेन सब कुछ जानते हुए भी भानु प्रताप प्रसाद के साथ खड़े रहे. इसके अलावा अपराध की आय को बेदाग संपत्ति के रूप में पेश करने, उसके अधिग्रहण, कब्जे और इस्तेमाल से जुड़ी प्रक्रिया या गतिविधि आज भी जारी है, क्योंकि वो अभी भी इसके कब्जे से अपराध की कमाई की रकम ले रहे हैं.

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