झारखंड (Jharkhand) में राज्यसभा की एक सीट को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के बीच अभी तक कोई बात नहीं बन पाई है. शनिवार को इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेने के बीच बैठक भी हो चुकी है. इसी मुद्दे पर आजतक से खास बातचीत में हेमंत सोरेन से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं सीधी बात करना पसंद करता हूं लेकिन अभी गठबंधन से बंधा हूं जिसका सम्मान किया जाना चाहिए'.
झारखंड के सीएम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, 'हम पिछड़ों की बात करते हैं इसलिए हमें हम पर हमला हो रहा है और हमारी छवि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है'. उन्होंने आगे कहा कि अगले महीने वो राष्ट्रपति के पास एक प्रतिनिधिमंडल भेजकर जातीय जनगणना में सरना कोड को लागू कराने की मांग करेंगे.
वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों पर हेमंत सोरेने ने कहा कि अगर वो खुद को निर्दोष कहेंगे तो कोई नहीं मानेगा, लेकिन अदालते हैं और इस लड़ाई को कानूनी तौर पर लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास खुद प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सिर्फ मंदिर-मस्जिद का ही मुद्दा बचा है.
इससे पहले दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वो राज्यसभा चुनाव के लिए दिल्ली आए हैं. उन्होंने अपने विधायकों से भी मीटिंग की थी. कोई भी फैसला करने से पहले गठबंधन के साझेदारों विशेष तौर पर कांग्रेस से बात करना जरूरी था. इस सिलसिले में उन्होंने शनिवार को सोनिया गांधी से करीब डेढ़ घंटे मुलाकात की है.
सोरेने ने कहा कि झारखंड में गठबंधन की ओर से सिर्फ एक उम्मीदवार का नामांकन हो सकता है. सोरेन ने कहा कि किस ओर से उम्मीदवार नामांकन करेगा इस पर फैसला करने के लिए थोड़ा समय चाहिए.
वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों पर सोरेने ने कहा कि जब से हमने राज्य में बीजेपी का सफाया किया है, पहले ही दिन से बीजेपी गहरे दर्द में है. उन्होंने कहा, वे केंद्र में हैं उनके पास संवैधानिक संस्थाओं का पावर है...लेकिन एनसीबी की कहानी पढ़ा रहा था कि किस तरह से शाहरुख खान के बेटे को क्लीनचिट मिल गई. उन्होंने कहा कि ईडी की जो भी जांच चल रही है उसका भी यही हाल होगा.
बता दें कि झारखंड में राज्यसभा की एक सीट के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस सहमति बन नहीं पा रही है. सूत्रों का कहना है कि झामुमो राज्य की एकमात्र सीट पर खुद दावेदारी कर रहा है. सीएम हेमंत सोरेन चाहते हैं कि उनकी पार्टी से उम्मीदवार हो और कांग्रेस हमारा समर्थन करे. वहीं कांग्रेस और आरजेडी की कोशिश है किसी आम उम्मीदवार को टिकट दिया जाए. झामुमो में दो-तीन उम्मीदवारों के नाम चल रहे हैं. लेकिन सबसे मजबूत दावेदार झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य को माना जा रहा है.