झारखंड में सियासी हलचल तेज है. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्तिा मोर्चा मुख्यमंत्री का चेहरा बदल सकता है. हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को नया सीएम बना सकते हैं. यह अटकलें इसलिए तेज हो गई हैं, क्योंकि हेमंत सोरेन पर प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई की तलवार लटक रही है. इन चर्चाओं ने तब तेजी पकड़ी, जब साल के आखिरी दिन गांडेय सीट से JMM विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया. मुख्यमंत्री सोरेन ने बुधवार को शाम 4.30 बजे पार्टी की एक बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में वर्तमान सियासी संकट पर चर्चा की जा सकती है.
बता दें कि ईडी, हेमंत सोरेन से एक भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामले में पूछताछ करना चाहती है. प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से हेमंत को सात समन भेजे जा चुके हैं. इसे ईडी का आखिरी समन बताया गया है. वहीं, हेमंत लगातार इन समन को स्किप करते आ रहे हैं. कानूनी जानकार कहते हैं कि ईडी चाहे तो सोरेन के घर आकर पूछताछ कर सकती है या गिरफ्तार भी कर सकती है. यही वजह है कि हेमंत किसी कार्रवाई से पहले सीएम की कुर्सी सुरक्षित रखने की तरफ कदम आगे बढ़ा सकते हैं.
'आगे के लिए बनाई जा सकती है रणनीति'
जानकार कहते हैं कि गठबंधन विधायकों की बैठक में ईडी के किसी भी एक्शन लेने की स्थिति में विकल्पों पर चर्चा की जाएगी. आगे की रणनीति बनाई जाएगी. उसके बाद हेमंत सोरेन अगला कदम उठा सकते हैं. हालांकि, सूत्र यह भी कहते हैं कि नेतृत्व परिवर्तन और नए नेतृत्व का फैसला आगे के लिए टाला भी जा सकता है. इससे पहले मंगलवार सुबह महाधिवक्ता राजीव रंजन को सीएम हाउस बुलाया गया था, जिसके बाद सियासी चर्चा होने लगी थीं. सूत्र कहते हैं कि सीएम ने ईडी को जवाब देने के संबंध में भी महाधिवक्ता से बात की है.
क्या कहते हैं हेमंत सोरेन
ईडी ने 29 दिसंबर को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को समन भेजा था और पूछा था कि वो पूछताछ के लिए खुद तिथि, समय और जगह की जानकारी दे सकते हैं. ईडी ने दो दिन का समय दिया था. हेमंत ने इसका चौथे दिन जवाब भेजा. सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने पत्र में कहा, अगर ईडी फेयर इंवेस्टीगेशन करे तो वो जांच में हर तरह से मदद करने के लिए तैयार हैं. इससे पहले भी पूछताछ हो चुकी है और वो आगे भी पूछताछ के लिए तैयार हैं. अपनी संपत्ति की पूरी जानकारी दे चुके हैं. उन्होंने ईडी पर मीडिया ट्रायल का भी आरोप लगाया. हेमंत का कहना है कि मुझे समन बाद में मिलता है, पहले मीडिया तक जानकारी पहुंच जाती है.
'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में फंसे थे हेमंत'
इसके अलावा, चुनाव आयोग ने अगस्त 2022 में झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस को एक पत्र भेजा था, जिसमें माना जाता है कि हेमंत को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की गई थी. उस समय खनन पट्टा को लेकर विवाद सामने आया था. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में चुनाव आयोग एक्शन मोड में आया था. हालांकि, ना तो बैस और ना ही नए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने वह पत्र खोला.
'बीजेपी ने झूठी कहानी गढ़ी है'
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के महासचिव विनोद कुमार पांडे ने गठबंधन के मंत्रियों को एक पत्र लिखा और कहा, 3 जनवरी को शाम 4.30 बजे मुख्यमंत्री आवास पर गठबंधन सहयोगियों के विधायकों की बैठक बुलाई गई है. बैठक में समय पर भागीदारी सुनिश्चित करें. इस बीच, सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को गांडेय विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने की अटकलों को खारिज कर दिया था. इसे बीजेपी की कोरी कल्पना बताया था. हेमंत का कहना था कि अटकलों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा, आने वाले समय में मेरी पत्नी के चुनाव लड़ने की संभावना बीजेपी की कोरी कल्पना है. कल्पना को सीएम बनाने की अटकलें बीजेपी द्वारा झूठी कहानी गढ़ने के लिए बुनी गई हैं.
बीजेपी बोली- अहमद को मजबूर किया गया
दरअसल, मुख्यमंत्री को प्रवर्तन निदेशालय के हालिया समन और सोमवार को गांडेय से विधायक सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफे से अटकलें तेज हो गईं थीं. विपक्षी दल बीजेपी ने दावा किया है कि अहमद को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, ताकि मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन ईडी के समन के संबंध में किसी भी स्थिति में गांडेय सीट से चुनाव लड़ सकें.
झारखंड विधानसभा का नंबर गेम क्या है?
झारखंड विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं. इसमें मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं. बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत होती है. झामुमो के नेतृत्व में सरकार है. सत्ता पक्ष में झामुमो के अलावा राजद, कांग्रेस, माले और मनोनीत सदस्य का समर्थन है. JMM की सबसे ज्यादा 29 सीटें हैं. कांग्रेस के 17 विधायक हैं. RJD, माले और मनोनीत सदस्य की संख्या एक-एक है. सत्ता पक्ष में कुल 49 विधायक हैं.
वहीं, विपक्ष की बात करें तो बीजेपी के 26, आजसू के तीन, निर्दलीय दो और एक एनसीपी का सदस्य है. विपक्ष के हिस्से में कुल 32 विधायक हैं.