गणतंत्र दिवस के मौके सारंडा के जंगलों में नक्सलियों के गढ़ में 18 वर्ष बाद तिरंगा फहराया गया. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने यहां तिरंगा फहराया. इत्तेफाक यह भी था कि वे 26 जनवरी को ही अपनी शादी की 33वीं सालगिरह भी मना रहे थे. जयराम नरेश ने व्यक्तिगत जीवन पर देश और आदिवासियों को तरजीह देते हुए नक्सलियों को आतंकवाद छोड़ देने की चेतावनी दी.
रमेश ने यहां से लगभग दो सौ किलोमीटर दूर सारंडा के जंगलों में नक्सलियों के गढ़ में दीघा गांव में गणतंत्र दिवस के अवसर पर 18 सालों बाद देश का तिरंगा लहराने के बाद संवाददाता सम्मेलन किया. उन्होंने कहा कि वह लातेहार जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले नक्सलियों को आतंकवादी मानते हैं, क्योंकि ऐसे नक्सलियों और दुनिया के आतंकवादियों में कोई फर्क नहीं है.
एक सवाल के जवाब में रमेश ने कहा कि उनके लिए अपने व्यक्तिगत जीवन से उपर देश और आदिवासी समाज है और इसी कारण उन्होंने अपनी शादी की 33वीं सालगिरह को इस वर्ष सारंडा के जंगलों में आदिवासियों के बीच ही मनाने का फैसला किया.
उन्होंने कहा कि वह नक्सलियों को आतंकवादी और उग्रवादी कहने में कोई गुरेज नहीं करते, क्योंकि उनमें इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं रह गई है.