झारखंड मॉब लिंचिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर रांची हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. इस बीच मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने नफरत फैलाने वाला वीडियो वायरल करने के आरोप में 5 युवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हिंसा और वीडियो वायरल होने के बाद रांची पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है.
बता दें, 17 जून को सरायकेला खरसावां में तबरेज अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के विरोध में 5 जुलाई को रांची में रैली का आयोजन हुआ था, जिसमें हिंसा हुई थी. इस मामले में कांग्रेस नेता शमशेर आलम समेत 22 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच के लिए एसएसपी रांची ने एसआईटी का भी गठन किया है. इस बीच हाईकोर्ट ने हिंसा की रिपोर्ट तलब की है. वहीं, सोशल मीडिया पर तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बदला लेने की मांग की गई. इस मामले में मुंबई पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया और आरोपियों की तलाश में जुट गई है. इसके साथ ही वायरल वीडियो को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटवाया जा रहा है.
रांची हाईकोर्ट के जस्टिस एच.सी. मिश्रा और जस्टिस दीपक रोशन की एक खंडपीठ ने पंकज यादव की जनहित याचिका पर जवाब मांगा है. पीठ ने राज्य सरकार से एक हफ्ते में जवाब देने को कहा है. मामले मेंअगली सुनवाई 15 जुलाई को होनी है.
तबरेज अंसारी को बाइक चोरी के शक में बर्बर तरीके से पीटा गया था. उन्हें 'जय श्री राम' बोलने पर मजबूर किया गया था. पुलिस की हिरासत में पांच दिन रहने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था. इस मामले में ग्यारह लोग गिरफ्तार हुए हैं. इस घटना के विरोध में हजारों की संख्या में मुसलमान जिला प्रशासन के अधिकारियों की अनुमति के बिना पांच जुलाई को राज्य की राजधानी रांची की सड़कों पर उतर आए थे.
कुछ देर बाद प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में तोड़फोड़ की और एक स्कूल बस को आग के हवाले करने की कोशिश की. प्रदर्शनकारियों ने एक व्यक्ति को चाकू मार दिया और दूसरे की बेरहमी से पिटाई की.