झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में सुरक्षाबलों को मंगलवार सुबह बड़ी कामयाबी हाथ लगी. सुबह-सुबह ही सुरक्षाबलों ने पांच नक्सलियों को मार गिराया है. मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला और नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया. मुठभेड़ में पीएलएफआई कमांडर प्रभु साहब बोदरा सहित 5 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. तड़के सुबह कोबरा 209 बटालियन ने ये कार्रवाई की. इलाके में फिलहाल सुरक्षाबल सर्च ऑपरेशन चल रहा है.
बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ खूंटी-चाईबासा सीमा पर हुई. मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों को 3 नक्सलियों के शव मिले जबकि अन्य दो शव सर्च ऑपरेशन के दौरान मिले. नक्सलियों से हथियारों का जखीरा भी हाथ लगा है जिसमें सेना ने 2 AK-47, एक 303 राइफल और दो पिस्तौल बरामद की हैं. सेना फिलहाल जिले में सर्च ऑपरेशन चला रही है.
#UPDATE Security forces recover bodies of two more Naxals; Search operation underway. https://t.co/emdUjhXZSW
— ANI (@ANI) January 29, 2019
क्या है पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया
गौरतलब है कि झारखंड में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया की स्थापना दिनेश गोप के नेतृत्व में की गई थी. दिनेश गोप के बड़े भाई सुरेश गोप की 2003 में हत्या हो गई थी. भाई की हत्या के बाद दिनेश गोप ने कामकाज अपने हाथों में ले लिया.
#Visuals of two Naxals held by security forces, who were injured during encounter with security forces in West Singhbhum district, early morning today. #Jharkhand pic.twitter.com/ZE16CAseaY
— ANI (@ANI) January 29, 2019
दिनेश गोप ने पीएलएफआई संगठन को गुमला, पालकोट, रायडीह, घाघरा, विशनुपुर, सिसई, कामडारा में संगठन को मजबूत किया. इस दौरान CPI माओवादी के बागी सदस्य मासी चरण पूर्ति ने दिनेश गोप के साथ मिलकर संगठन को तेजी से फैलाया. मासी चरण पूर्ति के साथ भाकपा माओवादी के कई सदस्यों ने पीएलएफआई की सदस्यता हासिल की थी.
भाकपा-माओवादी जहां एक विचारधारा से संचालित होती थी. वहीं, PLFI विशुद्ध रूप से लेवी व फिरौती के पैसे से संचालित होता है. जल्दी पैसे कमाने की लालच में बड़े पैमाने पर बेरोजगार युवकों ने PLFI का दामन थामा है