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भाषा के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में कोहराम

झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को भोजपुरी और मगही भाषा को लेकर जमकर हंगामा हुआ, जिसकी वजह से विधानसभा तीन बार स्थगित करनी पड़ी. दरअसल झारखंड में शिक्षक नियुक्ति (TET) परीक्षा से इन भाषाओं को हटाने के फैसले का पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायको ने भारी विरोध किया.

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन

झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को भोजपुरी और मगही भाषा को लेकर जमकर हंगामा हुआ, जिसकी वजह से विधानसभा तीन बार स्थगित करनी पड़ी. दरअसल झारखंड में शिक्षक नियुक्ति (TET) परीक्षा से इन भाषाओं को हटाने के फैसले का पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायको ने भारी विरोध किया.

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करीब दस साल बाद हुई इस परीक्षा में भोजपुरी और मगही को भी शामिल किया गया था जिसमें करीब 65 हजार परीक्षार्थी सफल हुए थे लेकिन मौजूदा शिक्षा मंत्री की ओर से दोनों क्षेत्रीय भाषाओं को हटाने के फैसले से इनकी नियुक्ति अधर में लटक गई है.

झारखंड की शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के इस फैसले से विधायकों में जबरदस्त गुस्सा है. सदन में उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी जब सरकार में शामिल घटक दल के विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े हो गए. गौरतलब है कि दो महीने पहले भी शिक्षा मंत्री ने इसी आशय का फैसला लिया था लेकिन बाद में यह मुद्दा स्थानीयता पर मचे बवाल के बीच शांत पड़ गया था.

ताजा विवाद पर वरिष्ठ कांग्रेसी मंत्री राजेंद्र सिंह का कहना है कि नीतिगत फैसले कैबिनेट लेती है. हालांकि विपक्ष सरकार को पूरी तरह घेरने की तैयारी में है.

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झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार भले ही कॉमन मिनिमम एजेंडे पर चल रही हो लेकिन इनके मत्रियों के फैसले देखकरऐसा नहीं लगता. ऐसा लगता है कि मंत्री अपने पर्सनल एजेंडे पर काम कर रहे हैं. वहीं सरकार का हर फैसला विवादों के घेरे में है, चाहे वह बालू घाट का मुद्दा हो या स्थानीयता का या भाषा का.

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