झारखंड में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले राजनैतिक दल अपने-अपने समीकरण फिट करने में जुट गए हैं. जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद ऐलान किया है कि उनकी पार्टी भारतीय जनतंत्र मोर्चा (बीजेएम), जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी.
बिहार सीएम के साथ फोटो पोस्ट कर सरयू राय ने मुलाकात का जिक्र किया है. उन्होंने साफ कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेएम मिलकर लड़ेगी. सरयू ने 'X' पर बताया कि पटना सीएम आवास में नीतीश कुमार से मुलाकात हुई. साथ में झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनी. शेष चुनावी औपचारिकताओं पर जेडीयू नेतृत्व शीघ्र निर्णय लेगा.
वर्तमान में जेडीयू एनडीए का हिस्सा है और बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और बिहार सरकार में भी शामिल है. लिहाजा इस बार झारखंड में भी जेडीयू बीजेपी से सीटें मांगेगी यानी ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के अलावा बीजेपी को जेडीयू के साथ भी सीट एडजस्टमेंट करना होगा.
अगर जेडीयू को मिली जमशेदपुर पूर्वी सीट तो...
अगर जेडीयू जमशेदपुर पूर्वी सीट की मांग कर यह सीट सरयू राय को दे देती है तो बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली सीट पर एक बार फिर सरयू राय की जीत की राह आसान हो जाएगी क्योंकि यहां से बीजेपी का उम्मीदवार मैदान में नहीं होगा. बहरहाल नीतीश कुमार और सरयू राय के एक साथ आने का झारखंड के चुनावी समीकरण पर भी असर पड़ सकता है.
2019 में सरयू ने रोका था रघुवर का 'विजय रथ'
बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास साल 1995 से इसी सीट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं. उनकी विजय का रथ 2019 में सरयू राय ने ही रोका था. दरअसल सरयू राय इस सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके बाद राय ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और रघुवर दास को शिकस्त दी. सरयू राय पटना साइंस कॉलेज के मेधावी छात्र रहे हैं. वे जेपी आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता थे. नीतीश कुमार के घनिष्ठ मित्र रहे सरयू राय ने चारा घोटाले का पर्दाफाश करने में अहम भूमिका निभाई थी.