झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू को अलग-अलग चुनाव लड़ना दोनों के लिए महंगा पड़ा है, जिसका सीधा राजनीतिक फायदा जेएमएम के नेतृत्व वाले महागठबंधन को मिला है. झारखंड की 13 सीटें ऐसी रही हैं, जहां पर बीजेपी और आजसू के बीच वोट बंटवारे की वजह से गठबंधन के प्रत्याशी जीतने में सफल रहे थे. इससे साफ जाहिर है कि अगर बीजेपी-आजसू मिलकर चुनाव लड़ते तो झारखंड की सियासी तस्वीर दूसरी होती, जो बीजेपी आज सत्ता से दूर है वह पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आसीन होती.
झारखंड की कुल 81 सीटों में से बीजेपी 25 सीटों में सिमट कर रह गई है और आजसू को दो सीटें मिली हैं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले गठबंधन को 47 सीटें मिली हैं, जिनमें से 30 सीटें जेएमएम, 16 सीटें कांग्रेस और एक सीट आरजेडी ने कब्जा जमाया था. इसके अलावा तीन सीटें जेवीएम, एक सीट सीपीआई (माले), एक सीट एनसीपी और 2 सीटों पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति न बन पाने के चलते दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी थीं. बीजेपी ने 79 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और आजसू 53 सीटों चुनाव लड़ी थी. विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों ने सिल्ली सीट छोड़कर लगभग सभी सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतारे थे.
आजसू प्रत्याशियों ने कई सीटों पर अच्छा-खासा वोट हासिल कर बीजेपी का राजनीतिक समीकरण बिगाड़ा है तो कई सीटों पर बीजेपी ने काफी वोट बटोरकर आजसू के खेल को बिगाड़ दिया है. इसका सीधा फायदा गठबंधन प्रत्याशी को मिला है. इसके चलते बीजेपी और आजसू को सत्ता भी गवांनी पड़ गई. झारखंड की 13 विधानसभा सीटें हैं जहां आजसू और बीजेपी के वोट को जोड़ दिया जाए, तो गठबंधन के प्रत्याशी की हार हो सकती थी.
1. मधुपुर सीट- जेएमएम के हाजी हुसैन अंसारी 87624 वोट पाकर विधायक चुने गए हैं. इस सीट पर बीजेपी को 64883 और आजसू को 45453 वोट मिले हैं. इन दोनों दलों के मिले वोट को जोड़ दिया जाए तो कुल 110336 वोट होते हैं.
2. डुमरी सीट- जेएमएम के जगरनाथ महतो 71128 वोट हासिल कर विधायक चुने गए हैं. इस सीट पर बीजेपी को 36013 और आजसू को 36840 वोट मिले हैं, ऐसे में दोनों दलों के वोट मिला दें तो 72853 वोट होते हैं.
3.जुगसलाई सीट- जेएमएम के मंगल कालिंदी ने 88581 वोट हासिल करके जीत दर्ज की है. इस पर बीजेपी को 66647 और आजसू को 46779 वोट मिले हैं. ऐसे में अगर इन दोनों पार्टियों के वोट जोड़ तो 113426 वोट होते हैं.
4.ईचागढ़ सीट: जेएमएम की सबिता महतो 57546 वोट हासिल कर विधायक बनी हैं. इस सीट पर बीजेपी को 38485 और आजसू को 38836 वोट मिले हैं. ऐसे में इन दोनों दलों को वोट को जोड़ते हैं तो यह आंकड़ा 77321 होता है.
5. लोहरदगा सीट: कांग्रेस के रामेश्वर उरांव 74380 वोट हासिल कर विधायक बने हैं. इस सीट पर बीजेपी को 44230 और आजसू को 39916 मिले हैं. इस तरह से दोनों पार्टियों को वोट मिलाते हैं तो 84146 वोट होते हैं.
6.जामा सीट: जेएमएम की सीता मुर्मू 60925 वोट हासिल कर विधायक चुनी गईं. इस सीट पर बीजेपी को 58499 और आजसू 13351 वोट मिले, ऐसे में अगर दोनों वोट जोड़ने पर आंकड़ा 71850 होता है.
7. नाला सीट: जेएमएम के रबिंद्रनाथ महतो 61356 वोट पाकर विधायक चुने गए हैं. इस सीट पर बीजेपी को 57836 और आजसू को 16778 वोट मिले हैं, इसे अगर हम जोड़ते हैं तो 74614 वोट होता है.
8. बड़कागांव सीट: कांग्रेस की अंबा प्रसाद 93256 वोट हासिल कर विधायक चुनी गई हैं. इस सीट पर बीजेपी को 29912 और आजसू को 63116 वोट मिले हैं. ऐसे में अगर इन दोनों को जोड़ दें तो यह आंकड़ा 93028 पहुंचता है.
9. रामगढ़ सीट: कांग्रेस की ममता देवी 93083 वोट पाकर विधायक चुनी गई हैं. इस सीट पर बीजेपी को 31011 और आजसू को 67962 वोट मिले हैं. ऐसे में अगर दोनों पार्टियों को वोट जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 98973 होता है.
10. घाटशिला सीट: जेएमएम के रामदास सोरेन 63531 वोट पाकर विधायक चुने गए हैं. इस सीट पर बीजेपी को 56807 और आजसू को 31910 वोट मिले हैं. ऐसे में अगर दोनों दलों को वोट मिलाते हैं तो यह आंकड़ा 88717 होता है.
11. खिजरी सीट: कांग्रेस के राजेश कच्छप 83829 वोट हासिल कर विधायक बने हैं. इस सीट पर बीजेपी को 78360 और आजसू को 29091 वोट मिले हैं. ऐसे में अगर दोनों दलों के वोट को मिलाते हैं तो यह आंकड़ा 107451 पहुंचता है.
12. चक्रधरपुर सीट: जेएमएम के सुखराम उरांव 43832 वोट पाकर विधायक बने हैं. इस सीट पर बीजेपी को 1598 और आजसू को 17232 वोट मिले हैं. इस तरह से अगर दोनों पार्टियों के वोट को मिलाते हैं तो यह आंकड़ा 48830 होता है.
13. गांडेय सीट: जेएमएम के डॉ. सरफराज अहमद ने 64694 वोट हासिल कर विधायक चुने गए हैं. इस सीट पर बीजेपी को 55969 और आजसू को 15249 वोट मिले हैं. ऐसे में अगर दोनों दल के वोट मिलाने पर यह आंकड़ा 71218 पहुंचता है.
इन 13 विधानसभा सीटों के अलावा छह सीट ऐसी भी हैं, जहां करीबी मुकाबला रहा था. ये सीट सरायकेला, मांडर, तमाड़, जरमुंडी, मनोहरपुर, सिमडेगा हैं. यदि गठबंधन होता ये सीट भी एनडीए के खाते में जा सकती थी.