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संगठन को दुरुस्त करने में जुटी झारखंड BJP, मिशन 2019 की तैयारी

पार्टी की बैठक में मिशन 2019 को लेकर रणनीति बनाई गई. इसमें यह बात निकल कर आई कि अगर पार्टी को विधानसभा की 60 प्लस और लोकसभा की सभी 14 सीटें जीतनी हैं तो जमीनी जड़ें मजबूत करनी होंगी.

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झारखंड में बीजेपी की तैयारी
झारखंड में बीजेपी की तैयारी

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झारखंड में बीजेपी अपने संगठन को दुरुस्त करने में जुट गई है. झारखंड में बीजेपी शासन के तीन साल पूरे  करने जा रही है. ऐसे में चुनाव नजदीक आता देख, पार्टी ने संगठन और सत्ता में बेहतर तालमेल बनाने की कवायद शुरू कर दी है. बीते दिनों गिरिडीह आयोजित पार्टी की बैठक में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला. वहीं पार्टी की राजनीतिक प्रस्ताव में भी इसकी झलक साफ दिखी.

मिशन 2019 के लिए बनी रणनीति

गिरिडीह में दो दिनों तक चली पार्टी की बैठक में मिशन 2019 को लेकर रणनीति बनाई गई. इसमें यह बात निकल कर आई कि अगर पार्टी को विधानसभा की 60 प्लस और लोकसभा की सभी 14 सीटें जीतनी हैं तो जमीनी जड़ें मजबूत करनी होंगी. साथ ही कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया कि वे केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को संगठन के माध्यम से जनता के बीच ले  जाए. दरअसल बीजेपी का मुख्य एजेंडा साल 2019 के चुनाव में विपक्ष को मुद्दा विहीन बनाने की है.

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दलितों और अल्पसंख्यकों पर फोकस

आदिवासियों की जमीन से जुड़े सीएनटी एक्ट के मसले पर मचे हंगामे के बाद सरकार ने अपने कदम पीछे खींच विपक्ष के हाथ लगे मुद्दे को छीन लिया है. वहीं अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) समेत अन्य विरोधी दलों को और पीछे ढकेलने के लिए कार्यसमिति ने विपक्ष की नकारात्मक राजनीति पर लगातार प्रहार करने का निर्णय लिया है. दरअसल ज्यादा प्रयास है कि विरोधी दल बीजेपी के बुने एजेंडों में ही उलझ कर रह जाए. आदिवासियों के अलावा दलितों और अल्पसंख्यकों पर भी पार्टी ने फोकस किया है.  दरअसल, बीजेपी की निगाह इस बड़े वोट बैंक की तरफ है.

 

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