झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी ने बुधवार को बीजेपी संगठन महासचिव रामलाल को अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया. फिलहाल पार्टी नेतृव ने तय किया है कि
जब तक नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो जाती है तब तक ताला मरांडी ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाते रहेंगे. ताला मरांडी के इस्तीफे के पीछे पार्टी की अंदरुनी कलह और मुख्यमंत्री सहित कई वरिष्ठ नेताओं से उनकी नाराजगी को वजह माना जा रहा है.
बीजेपी अध्यक्ष से की गई थी शिकायत
झारखंड बीजेपी नेताओं का कहना है कि ताला मरांडी ने पदाधिकारियों और प्रदेश कार्यकारणी की घोषणा मुख्यमंत्री, सासंद और राज्य के कोर ग्रुप से चर्चा किए बिना ही कर दी है. मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश के वरिष्ठ
नेताओं और सांसदो ने ताला मरांडी की शिकायत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महासचिव रामलाल से कर दी थी. उसके बाद ही केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को समन
किया था. मंगलवार को रघुवर दास ने अमित शाह और राम लाल से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था.
अपना पक्ष रखने के बाद दिया इस्तीफा
उसके बाद ताला मरांडी ने बीजेपी के संगठन महासचिव रामलाल और सह संगठन महासचिव से मुलाकात कर अपना पक्ष रखने के साथ साथ अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा भी राम लाल को दे दिया. ताला मरांडी ने
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से गुरुवार को मिलने का टाइम मांगा है.
CNT और SPT एक्ट में बदलाव से नाखुश मरांडी
सूत्रों की माने तो ताला मरांडी ने झारखंड में अपनी ही सरकार के छोटा नागपुर टेनेंसी CNT और संथाल परगना टेनेंसी SPT एक्ट में बदलाव पर अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा
खोलने की बात रघुवर दास और अन्य पार्टी नेताओं से कह दी है. असल में आदिवासियों के जमीन अधिग्रहण को आसान बनाने के लिए दोनों एक्ट संशोधन लाए जा रहे हैं. ताला मरांडी का कहना है कि ये आदिवासियों
के खिलाफ सरकार का काम है. जनता में इसके प्रति रोष है.