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Jharkhand budget 2021: हंगामे की भेंट चढ़ी सदन की पहली पारी, बीजेपी का वॉक आउट

झारखंड विधानसभा में सोमवार को अनुपूरक बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने लगा. प्रश्नकाल शुरू होते ही मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी के विधायक नियोजन नीति समेत कई मुद्दों पर कार्यस्थगन लाकर विशेष चर्चा की मांग करने लगे. नियोजन नीति पर सरकार को घेरने का फैसला विपक्ष ने पहले ही तय कर रखा है.

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बीजेपी ने किया वॉक आउट
बीजेपी ने किया वॉक आउट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भोजनावकाश के बाद बीजेपी का वॉक आउट
  • प्रश्नकाल शुरू होते ही होने लगा हंगामा 

झारखंड विधानसभा में सोमवार को बजट सत्र के दूसरे कार्यदिवस की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. प्रश्नकाल शुरू होते ही मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी के विधायक नियोजन नीति समेत कई मुद्दों पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाकर विशेष चर्चा की मांग करने लगे.

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नियोजन नीति पर सरकार को घेरने का फैसला विपक्ष ने पहले ही तय कर रखा है. बीजेपी ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सत्ता में आने से पहले ही अपने संकल्प पत्र में ये दावा किया था कि वो हर साल एक लाख लोगों को रोजगार देंगी. साथ ही इस नए साल को नियोजन वर्ष के तौर पर मनाने की घोषणा भी सरकार ने की थी. 

हंगामे को शांत कराते हुए स्पीकर ने जनहित के सभी मुद्दों पर चर्चा का भरोसा दिलाया. संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने भी कहा कि सरकार सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन भाजपा विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे. करीब साढ़े 11 बजे सीएम हेमंत सोरेन सदन में पहुंचे, तब वेल में हंगागा जारी था. इसी बीच पीली पगड़ी पहने कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी विपक्ष का विरोध करने वेल में पहुंचे, तो उनकी पगड़ी भाजपा विधायक रणधीर ने लेकर पहन ली. कार्यस्थगन अमान्य किए जाने के बाद जोरदार हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. 

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दोबारा कार्यवाही शुरू होते ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने ओबीसी को आबादी के हिसाब से आरक्षण देने का मुद्दा उठाया. प्रदीप यादव ने भी यही मुद्दा उठाया. इस बीच भाजपा के विधायक वेल में आकर स्पीकर के सामने की टेबल की परिक्रमा करने लगे. इस दौरान भाजपा विधायक विरंची नारायण को ध्यानाकर्षण पर अपनी बात रखने के लिए पुकारा गया, लेकिन उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा. वहीं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 7323 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखा. विपक्ष के हंगामे को देखते ही भोजनावकाश यानी 2 बजे तक कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

बीजेपी ने किया वॉक आउट 
भोजनावकाश के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर विधायक सरफराज अहमद ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया. इस पर सभी पक्ष को अपनी बात रखने के लिए स्पीकर ने समय तय किया. झामुमो को 30 मिनट और भाजपा को 24 मिनट का समय मिला, लेकिन अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा कहकर भाजपा विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया. बाद में मुख्य विपक्षी पार्टी की अनुपस्थिति में ही राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की गई और धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया.

वहीं भाकपा माले विधायक बिनोद सिंह ने कहा कि रिम्स की व्यवस्था चरमराई हुई है. दूसरे प्रदेश या देश में जान गंवाने वाले मजदूरों के शव को लाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. प्रवासी मजदूरों के लिए निदेशालय होना चाहिए. आजसू विधायक लंबोदर महतो ने भारत सरकार के स्वतंत्रता सेनानियों की तर्ज पर झारखंड के आंदोलनकारियों को सम्मान देने की बात उठायी. उन्होंने कहा कि 8 फरवरी 2020 से ही झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग भंग है. सूचना आयोग में तमाम पद रिक्त पड़े हुए हैं. पांच हजार के ज्यादा आरटीआई के मामले पेंडिंग हैं.

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जवाब में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सभी सदस्यों के सुझावों पर अमल का भरोसा दिलाया. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. विनोद सिंह और लंबोदर महतो द्वारा संशोधन प्रस्ताव वापस लिए जाने के लिए सदन की कार्यवाही मंगलवार यानी 2 मार्च को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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