झारखंड में 16 अप्रैल को होने वाले निकाय चुनावों को रघुवर सरकार के लिए सेमीफाइनल माना जा रहा है. यह चुनाव दलीय आधार पर लड़े जा रहे है. वार्ड पार्षद को छोड़कर ऊपर के सभी पदों के चुनाव में सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने अपने उम्मीदवारों को पार्टी सिंबल दिया है. जिसमें बीजेपी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद और बाबूलाल मरांडी की पार्टी JVM ने अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं.
हालांकि देशभर में बीजेपी के विरुद्ध महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने की कवायद इस बार के निकाय चुनावों में नहीं दिखाई दे रही है. बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खुद मोर्चा संभाल रखा है. माना जा रहा है कि यह चुनाव बीजेपी को राज्य में उसकी पकड़ का पहला लिटमस टेस्ट होगा. क्योंकि यह चुनाव सड़क, बिजली, पानी जैसे मुद्दों पर लड़े जा रहे है जो विधानसभा चुनावों में उठाए जाते है.
सभी मंत्रियों और विधायकों को हिदायत
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने सभी मंत्री और विधायकों को अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में जाकर बीजेपी समर्थित उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने को कहा है. दरअसल, इसे लोकसभा चुनाव के पूर्व दलों का शक्ति-परिक्षण भी माना जा रहा है. वहीं झामुमो, कांग्रेस राजद सहित दूसरे सभी विपक्षी दलों ने अपने स्टार प्रचारकों को चुनाव मैदान में उतार दिया है.बता दें कि इन प्रचारकों में तेजस्वी यादव का नाम भी शामिल है. दूसरी तरफ राज्य में बीजेपी को समर्थन देने वाली आजसू ने भी अपने उम्मीदवार इन चुनाव में खड़े किए है. वहीं पूरे राज्य में चुनाव प्रचार अपने पूरे शबाब पर है. प्रचार गाड़ियों में नए पुराने हिंदी गानों और क्षेत्रीय भाषा के फिल्मी गानों की पैरोडी बजाई जा रही है.
34 नगर निकायों में होंगे चुनाव
16 अप्रैल को होने वाले चुनावो में 34 नगर निकायों के 749 वार्डों में वोट डाले जाएंगे. इन चुनावों में 5-5 मेयर और डिप्टी मेयर, 16 नगर परिषद के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और 13 नगर पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए भी वोटिंग होगी. अगर बीजेपी इन चुनावों में अच्छा करती है तो यह रघुवर दास के कार्यकाल पर जनता की मुहर होगी.
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