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झारखंड: सरकार गिराने की साजिश में तीन आरोपियों को भेजा गया जेल

अब इस मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. इससे पहले तक ये तीनों आरोपी पुलिस रिमांड थे

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हेमंत सरकार को गिराने की साजिश में तीन को भेजा गया जेल
हेमंत सरकार को गिराने की साजिश में तीन को भेजा गया जेल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • खरीद-फरोख्त मामले में जेल भेजे गए तीन आरोपी
  • कांग्रेस विधायक के कबूलनामे ने बदला केस का रुख
  • बीजेपी ने की एसआईटी जांच की मांग

झारखंड में हेमंत सरकार को गिराने की साजिश वाला मामला अब कई दिन पुराना हो गया है. लेकिन ना ये विवाद खत्म हुआ है और ना ही इस पर सियासत का कोई अंत दिख रहा है.

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अब इस मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. इससे पहले तक ये तीनों आरोपी पुलिस रिमांड पर थे.

खरीद-फरोख्त मामले में जेल भेजे गए तीन आरोपी

बता दें कि जुलाई 22 को रांची के एक होटल से झारखंड पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त की तैयारी थी और सरकार को गिराने की साजिशें रची जा रही थीं. गिरफ्तारी के तुरंत बाद JMM की तरफ से बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. कहा गया था कि बीजेपी ही कर्नाटक की तर्ज पर यहां भी सरकार गिराने का प्रयास कर रही थी. बीजेपी ने जरूर उन तमाम दावों को बकवास बताया,लेकिन पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी निवारण महोत ने स्वीकार किया कि सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त के बदले उसे 50 लाख देने का लालच दिया गया था.

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कांग्रेस विधायक के कबूलनामे ने बदला केस का रुख

वहीं इस मामले में उस समय भी नाटकीय मोड़ आया जब एक कांग्रेस विधायक ने ये स्वीकार किया कि उन्हें मंत्री पद का ऑफर मिला था. ये बड़ा खुलासा करने वाले कोलेबिरा से कांग्रेस विधायक विक्सल कोंगड़ी थे. उन्होंने कहा था कि मुझे भी सरकार बदलने को लेकर मंत्री पद का ऑफर मिला था. साथ ही मोटी रकम भी देने की बात हुई थी.

रांची और कोलेबिरा आवास में ये बाते हुई हैं. विधायक की तरफ से ये भी बताया गया कि उनसे बीजेपी के लोगों ने संपर्क साधा था. जोर देकर कहा गया कि उस समय मौके पर आरोपी अमित सिंह (जिन्हें पुलिस ने होटल से गिरफ्तार किया) मौजूद नहीं थे.

बीजेपी ने की एसआईटी जांच की मांग

कांग्रेस विधायक के इस कबूलनामे के बाद पुलिस की कार्रवाई पर कई तरह के सवाल खड़े हुए. बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि तीनों लोग बोकारो के हैं और उन्हें घर से उठा होटल लाया गया था. एक ठेका मजदूर और एक फल सब्जी विक्रेता है. उस समय मंराडी ने एक तरफ इस केस में एसआईटी जांच की मांग की थी, वहीं पुलिस को भी ईमानदारी से कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी. 

आरोपी के परिजन बोले- राजनीति से लेना-देना नहीं

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अभी के लिए इस मामले में आरोप- प्रत्यारोप का दौर जारी है, लेकिन विजिलेंस कोर्ट के फैसले ने पुलिस की कार्रवाई को बल दिया है. तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. वहीं दो आरोपी अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है. आरोपियों के परिजन अभी भी दावा कर रहे हैं कि उनके बच्चों का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और पुलिस द्वारा उन्हें फंसाया गया है.

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