झारखंड का रांची बड़े अधिकारियों और स्वास्थ्य महकमे की तमाम कोशिशों के बावजूद टीकाकरण के मामले में कई जिलों से पीछे है. हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वॉरियर्स की बात छोड़ दें तो 18 प्लस, 45 प्लस और 60 प्लस तीनों ग्रुप में रांची जिला कई जिलों से बेहद पीछे है. टॉप तीन जिलों में सिमडेगा, कोडरमा और लोहरदगा हैं.
रांची में 60 से अधिक आयु वाले सिर्फ 31% बुजुर्गों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा सकी है. इस मामले में 24 जिलों में रांची 20वें स्थान पर है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रांची जिले के 69% बुजुर्गों को पहली डोज नसीब नहीं हो पायी है. 18 से 44 के ग्रुप में भी रांची की स्थिति अच्छी नहीं है. इस ग्रुप में रांची छठे स्थान पर है. 45 प्लस ग्रुप में रांची 12वें स्थान पर है.
23 जून तक के डाटा के अनुसार झारखंड में 51,68,480 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज और 9,64,506 लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है. स्थिति यह है कि टीकाकरण अभियान को शुरू हुए पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन टीकाकरण की रफ्तार बेहद सुस्त है.
टीकाकरण की यही रफ्तार रही तो तीसरी लहर में लोगों को और मुश्किलों से गुजरना पड़ सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर ने साफ कर दिया है, जिन लोगों ने वैक्सीन ली थी, उन्हें कम नुकसान हुआ. अब कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है. इसमें घातक वैरियंट डेल्टा प्लस से लड़ना है.
डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर झारखंड़ समेत 8 राज्यों को केंद्र ने पत्र लिखकर अलर्ट भी किया है. साथ ही निर्देश दिए हैं कि टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय को यहां सख्ती से बरकरार रखा जाए.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने 'आजतक' से बातचीत में बताया कि सरकार सतर्क है और सख्ती में छूट सोच समझकर ही दी जाएगी. यहां जीनोम सैंपलिंग की चौंकने वाले रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार अलर्ट है. रिपोर्ट में पता चला है कि दूसरे लहर के दौरान यहां डेल्टा, अल्फा और दूसरे वैरिएंट ने तबाही मचाई थी.
लिहाज़ा तीसरी लहर की तैयारियों के लिए अभी से डॉक्टर को ट्रेनिंग दी जा रही है. बच्चों के संक्रमित होने के आसार को देखते हुए हर जिले में 60 बेड का ICU तैयार किया जा रहा है. कई जगह ये बन भी चुका है. नर्सिंग और मेडिकल स्टॉफ को तैयार किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और अन्य सार्वजनिक जगहों पर मास्क ज़रूरी है. साथ ही बाहर से आने वालों को 7 दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य होगा. लेकिन वैसे लोग जो यहां आकर 72 घंटो के अंदर वापस चले जायेंगे उनहे क्वारंटाइन से छूट दी जाएगी.