झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सीटी स्कैन मशीन न होने को शर्मनाक बताया है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि ये बड़े ही शर्म की बात है कि झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सीटी स्कैन मशीन नहीं है.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की जा रही सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव के.के. सोन और रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद भी ऑनलाइन उपस्थित थे. जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान माननीय खंडपीठ ने रिम्स के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई.
अदालत ने रिम्स निदेशक को आदेश दिया है कि वे आज ही राज्य सरकार को सीटी स्कैन मशीन की खरीदारी के लिए लिखित आग्रह करें. अदालत ने कहा है कि शुक्रवार को पुनः इस मामले की सुनवाई की जाएगी. सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव और रिम्स के निदेशक को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया गया है.
सुनवाई के दौरान माननीय खंडपीठ ने रिम्स से पूछा कि कोरोना काल में रिम्स में कौन-कौन से उपकरण की खरीदगी की गयी है, अब तक सीटी स्कैन एवं पैथोलॉजी की मशीन क्यों नहीं खरीदी गयी है. साथ ही मरीजों की जांच निजी पैथोलॉजी से कराने पर भी हाईकोर्ट ने सवाल उठाए हैं. अदालत ने रिम्स प्रशासन से कह कि जब रिम्स सरकारी संस्थान है, तो पैथोलॉजी जांच निजी संस्थानों से क्यों करायी जाती है?