झारखंड में एनसीपी के घड़ी को चलाकर रखने में सहयोग करने वाले एक मात्र विधायक कमलेश सिंह के खिलाफ स्पीकर न्यायधिकारण में शरद पवार गुट ने याचिका दाखिल कर कमलेश सिंह को डिसक्वाल्फी करने की मांग की है.
दरअसल, महाराष्ट्र के विधायक जितेंद्र अवहद ने झारखंड विधानसभा के स्पीकर रविन्द्र नाथ महतो को पत्र लिखकर दल बदल कानून के तहत विधायक कमलेश सिंह के सदस्यता को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल किया था. इस पर स्पीकर ने कमलेश सिंह से उनका लिखित पक्ष 27 अक्टूबर तक मांगा था, लेकिन कमलेश सिंह ने अपना पक्ष मंगलवार को ही स्पीकर के पास भेज दिया है.
उनका कहना है की पार्टी अध्यक्ष अजीत पवार है लिहाजा उनका समर्थन अजीत पवार को ही है. यही बात शरद पवार गुट को नागवार लगा और उन्होंने स्पीकर नयाशीकरण में याचिका दाखिल कर दी.
एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने कहा है की वो झारखंड में पार्टी के इकलौते विधायक हैं, प्रदेश अध्यक्ष भी है और व्हिप भी. यानी अपने आप में 100%. ऐसे में दल बदल कानून अव्वल तो उन पे लागू नहीं होगा. अभी एनसीपी में कौन अध्यक्ष है पार्टी का सिंबल पे किसका अधिकार होगा, कौन सक्षम ऑथोरिटी ये भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के पास पेंडिंग है. ऐसे में उनके खिलाफ शिकायत ही बेबुनियाद है. उन्होंने कहा की वो शरद पावरका पूरा सम्मान करते हैं.
क्या है कमलेश सिंह का पक्ष
1) पार्टी के अधिकार और स्वामित्व को लेकर चुनाव आयोग में मामला लंबित है.
2) वह 100% है, इसलिए 10वीं अनुसूची इस मामले पर लागू नहीं होती है.
3) पिछले एक साल से स्पीकर कोर्ट में ऐसे 6 से 7 मामले लंबित हैं, और उनका अभी तक फैसला नहीं हुआ है और कानूनी तौर पर इससे भी अधिक प्रामाणिक हैं.