झारखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील में अब अंडा करी भी परोसी जाएगी. पहले हफ्ते में दो दिन उबले अंडे दिए जाते थे. बच्चों को न्यूट्रीशन और पौष्टिकता के साथ लजीज खाना मिले, इस मकसद से अब अंडा करी देने की तैयारी की गई है. इसको लेकर बच्चे भी उत्साहित हैं. सरकारी स्कूलों में ज्यादातर बच्चे Weaker Section से आते हैं.
झारखंड के शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने बताया कि राज्य में मिड डे मील लजीज भी हो और जो बच्चे Weaker Section से आते हैं, उन्हें न्यूट्रीशन मिल सके, इसी मकसद से अब बच्चों की थाली में अंडा करी परोसे जाने का फैसला किया गया है. सरकार की तरफ से जल्द हफ्ते में 5 दिन बच्चों को अंडा परोसने की योजना है.
रांची के जगन्नाथपुर मिडिल स्कूल के बच्चे, प्राचार्य और रसोइया दीदी भी सरकार की पहल से उत्साहित दिखीं. प्राचार्य राजेश ने बताया कि राज्य के ज्यादातर गरीब बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, ऐसे में उनके भोजन में न्यूट्रीशन और स्वाद का कॉम्बिनेशन हो तो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता.
रसोई में काम करने वालों को समय से नहीं मिलता मानदेय
वहीं यहां काम करने वाली रसोइया दीदी इस बात से दुखी हैं कि उनके पेट का ख्याल सरकार नहीं रखती. मानदेय वैसे भी कम है, वह भी समय पर नहीं मिलता. हालांकि उनका कहना है कि सरकार ने जो जिम्मेदारी दी है, उससे वह बखूबी निभाएंगे.
इधर जो बच्चे वीकर सेक्शन से आते हैं, वे उत्साहित हैं. भात के साथ उन्हें अंडा करी बेहद पसंद है. किसी के पिता ऑटो चलाकर तो कोई मजदूरी करके घर चलाते हैं.
राज्य के 34355 स्कूलों में दिया जाता है मिड डे मील
राज्य के लगभग 34355 स्कूलों में मिड डे मील का संचालन होता है. लगभग 40 लाख से ज्यादा बच्चों को Mid Day Meal परोसा जाता है. Mid Day Meal में केंद्र का अंश 60 प्रतिशत है, जबकि राज्य का अंश 40 प्रतिशत होता है.
हालांकि अंडे का खर्च राज्य सरकार ही उठाती है. कुपोषण के मामले में देशभर में पांचवें स्थान पर झारखंड है. ऐसे में सरकार के नए प्रयोग से न्यूट्रीशन के साथ बच्चों को अच्छा और स्वादिष्ट भोजन मिल सकेगा.