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झारखंड: रांची में किसानों का महाकुंभ, आय दोगुनी करने पर मंथन

देश में इस तरह का आयोजन दूसरी बार हो रहा है. झारखंड से पहले यह समिट गुजरात में आयोजित किया गया था. इस दौरान 50 कंपनियों का शिलान्यास हुआ. ये कंपनियां राज्य में 271 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी.

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समिट की तस्वीर (फोटो-धरमबीर सिन्हा)
समिट की तस्वीर (फोटो-धरमबीर सिन्हा)

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झारखंड के किसानों की पहुंच विश्व बाजार तक बनाने, किसानों की आय दोगुनी करने और झारखंड को पूर्वी भारत के फूड प्रोसेसिंग हब के रूप में स्थापित करने के लिए रांची में किसानों के महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. रांची में खेलगांव के टानाभगत इंडोर स्टेडियम में आयोजित ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट 2018 की शुरुआत केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने की. इस मौके पर सीएम रघुवर दास भी मौजूद थे. दो दिनों तक चलने वाले इस समिट में भाग लेने के लिए देश-विदेश से हजारों किसान और विदेशी प्रतिनिधि भी पहुंचे हैं. देश में इस तरह के समिट का आयोजन दूसरी बार हो रहा है. इससे पहले इसका आयोजन गुजरात में किया गया था.

किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करेंगे :CM

रांची में ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट 2018  की गुरुवार को शुरुआत हो गई. इस मौके पर बोलते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि इस समिट का मकसद साल 2022 तक राज्य के किसानों की आय दोगुनी करना है. साथ ही झारखंड को पूर्वी भारत में फूड प्रोसेसिंग हब के रूप में स्थापित करना और राज्य के किसानों को विश्व स्तरीय तकनीकी से परिचय कराना इसकी दूसरी प्राथमिकताएं हैं. उन्होंने कहा कि कृषि और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश के अवसर तलाशने के साथ साथ वैल्यू ऐडेड चेन विकसित करना जिससे खेत-खलिहान से लेकर बाजार तक में मांग और आपूर्ति की निरंतरता बनी रहे, इसके प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं. इस समिट में झारखंड के साथ साथ देश के दूसरे राज्यों से आए किसान भी भाग ले  रहे हैं. इसके अलावा समिट में ट्यूनीशिया, चीन, इजराइल, फिलीपींस और मंगोलिया के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं. समिट की थीम कंट्री मोरक्को है.

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मत्स्य उद्योग में 83 फीसदी की वृद्धि : अमिताभ कांत

समिट में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पढ़ा. राधा मोहन सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पशुधन की ताकत तक कांग्रेस को पता नहीं है. वहीं नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि बीते चार साल में झारखंड के कृषि क्षेत्र में 19 फीसदी का विकास हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह झारखंड में कृषि क्षेत्र में काम होता रहा तो यहां के किसानों की आय 2022 तक दोगुनी नहीं बल्कि चौगुनी हो जाएगी. अमिताभ कांत ने  कहा कि केवल कृषि क्षेत्र ही नहीं, झारखंड में जो सबसे बड़ा बदलाव आया है वह मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में है. इसमें चार साल में 83 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई जो देशभर में सबसे अधिक है. समिट के पहले दिन कोका कोला ने झारखंड में अपना प्लांट लगाने की घोषणा की.

देश-विदेश से आए हजारों किसान

ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट फरवरी 2017 में आयोजित मोमेंटम झारखंड की ही कड़ी का हिस्सा है. दरअसल इस समिट के जरिए झारखंड सरकार निवेश के लक्ष्य को भी साधना चाहती है. इस दौरान 50 कंपनियों का शिलान्यास हुआ. ये कंपनियां राज्य में 271 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी जिससे प्रत्यक्ष रूप से 1614 और अप्रत्यक्ष रूप से 4110 लोगों को रोजगार मिलेगा. समिट में शिक्षाविद, प्रमुख कृषि-चिंतक, शोधकर्ता, कृषि संस्थान और विश्वविद्यालय, किसान समूह, केंद्र व राज्य सरकार के विभागों के विशेषज्ञ सहित कई वित्तीय संस्थान भी भाग ले रहे हैं.

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