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झारखंडः कल होना था हेमंत सोरेन कैबिनेट का विस्तार, ऐन वक्त पर टला शपथ ग्रहण समारोह

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से कहा कि सात ग्रामीणों की निर्मम हत्या मन को व्यथित करता है, ऐसे हालत में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करना उचित नहीं है.

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (फोटो-PTI)
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (फोटो-PTI)

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  • 7 आदिवासियों की हत्या की वजह से टला शपथ ग्रहण समारोह
  • 24 जनवरी को होना था कैबिनेट विस्तार, आगे की डेट तय नहीं

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल का विस्तार एक बार फिर टाल दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार शाम राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से शुक्रवार को होने वाला शपथ ग्रहण समारोह टालने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री ने अपने आग्रह में कहा कि चूंकि पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव की घटना मर्माहत करने वाली है, इसलिए मानवता के नाते शपथ ग्रहण की तारीख टाल दी जाए.  

कैबिनेट में दी जानी है 8 मंत्रियों को जगह

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से यह भी कहा कि सात ग्रामीणों की निर्मम हत्या मन को व्यथित करता है, ऐसे हालत में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करना उचित नहीं है. बता दें कि झारखंड कैबिनेट में 8 मंत्रियों को जगह दी जानी है. कैबिनेट विस्तार न होने से विकास कार्यों पर भी असर पड़ने लगा है. करीब 5000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स होल्ड पर हैं.

उल्लेखनीय है कि राजभवन ने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए 24 जनवरी को दोपहर एक बजे बिरसा मंडप में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की समय सीमा निर्धारित कर दी थी, लेकिन शाम 6.30 बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिर से राजभवन गए और 24 जनवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को टालने का आग्रह किया.

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नेताओं में खींचतान शुरू

इस बीच मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री बनने के लिए नेताओं की खींचतान शुरू हो गई है. कांग्रेस आलाकमान और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ हुई बातचीत में कांग्रेस कोटे से कुल 4 मंत्री बनाए जाने पर सहमति बनी है. इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री के साथ शपथ ले चुके हैं.

क्या आ रही हैं मुश्किलें?

मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायकों में भी भारी उठापटक चल रही है. मंत्रिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 6 मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है. इस बीच बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन को पार्टी में वरिष्ठ विधायकों की तादाद ज्यादा होने के कारण सभी को एडजस्ट करने में मुश्किलें आ रही हैं.

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