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झारखंड: तारा सहदेव केस में तीनो दोषियों को हाई कोर्ट से मिली जमानत, धर्म परिवर्तन, उत्पीड़न का है मामला

कौशल रानी को दस साल, मुश्ताक अहमद को पंद्रह साल और रणजीत कोहली को आखिरी सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सीबीआई अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से छब्बीस और बचाव पक्ष की ओर से चार गवाह पेश करते हुए 5 अक्टूबर, 2023 को उन्हें दोषी घोषित करार दिया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रीय राइफल निशानेबाज तारा सहदेव मामले में रंजीत कोहली और सहयोगियों की ओर से दायर सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई की. कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी ठहराए गए तीनों को जमानत दे दी. राष्ट्रीय राइफल निशानेबाज तारा सहदेव से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल उत्पीड़न मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने दोषियों- रंजीत कोहली, उनकी मां कौशल रानी और बर्खास्त रजिस्ट्रार विजिलेंस मुश्ताक अहमद की सजा के खिलाफ की गई अपील पर सुनवाई की. कोर्ट ने तीनों को जमानत दे दी. तीनों को 8 अक्टूबर, 2023 को आईपीसी की धारा 120 बी और धारा 376 (2एन) के तहत दोषी ठहराया गया था.

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कौशल रानी को दस साल, मुश्ताक अहमद को पंद्रह साल और रणजीत कोहली को आखिरी सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सीबीआई अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से छब्बीस और बचाव पक्ष की ओर से चार गवाह पेश करते हुए 5 अक्टूबर, 2023 को उन्हें दोषी घोषित करार दिया था.

अपील पर 2014 के धर्म परिवर्तन, उत्पीड़न और दहेज के मामले में सुनवाई की गई थी, जब तारा शाहदेव ने रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल से शादी की थी. शादी के कुछ समय बाद ही तारा पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया था.

कोहली, उनकी मां कौशल रानी और मुस्ताक अहमद पर साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. 2015 में इस मामले को सीबीआई को दे दिया गया था. तीनों ने एक अपील दायर की जिसमें कहा गया कि अगर धर्म बदलने के लिए मजबूर करना मुख्य अपराध नहीं माना जाता है, तो 120 बी के तहत साजिश का आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए.

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स्टेडियम में हुई थी पहचान 
तारा की रंजीत से मुलाकात रांची के होटवार स्टेडियम में हुई थी. यहां वो शूटिंग की प्रैक्टिस के लिए अक्सर जाया करती थी. रंजीत उसे शादी के लिए प्रभावित करने के कई हथकंडे अपनाता था. वह अफसरों के साथ महंगी गाड़ियों में शूटिंग रेंज पर आता था. तारा की मानें तो रकीबुल शादी से पहले खुद को बेहतर इंसान दिखाने की हर संभव कोशिश करता था. अब चार साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद तारा को पति से तलाक मिल गया है.

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