झारखंड हाईकोर्ट ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे पहले हाईकोर्ट ने 4 जनवरी को जमानत याचिका पर फैसले को सुरक्षित रख लिया था.
जस्टिस अप्रेश कुमार सिंह द्वारा लालू प्रसाद यादव की जमानत को खारिज करने के बाद RJD नेताओं ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे. शीर्ष अदालत के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद की उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति का हवाला देते हुए जमानत के लिए गुहार लगाई थी.
कपिल सिब्बल ने मुंबई अस्पताल के एक प्रमाण पत्र को भी पेश किया और जिन बीमारियों से लालू प्रसाद यादव पीड़ित हैं, उसकी सूची भी दी. सिब्बल ने कहा कि RJD सुप्रीमो लालू को तीन अन्य मामलों में जमानत मिली है, जिसमें वो दोषी करार दिए गए थे. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के वकील ने जमानत का विरोध किया.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक लालू प्रसाद यादव को 23 दिसंबर 2017 को देवघर कोषागार से धोखाधड़ी से धनराशि निकालने को लेकर दोषी करार दिया गया था. वो बीते साल मई में अस्थायी जमानत पर इलाज के लिए बाहर आए थे, लेकिन हाईकोर्ट द्वारा कहे जाने के बाद उन्होंने अगस्त में आत्मसमर्पण कर दिया था.
लालू प्रसाद यादव को चार मामलों में दोषी करार दिया गया है और चारा घोटाला मामले में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. फिलहाल लालू प्रसाद यादव का राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) रांची में इलाज चल रहा है.