विधायक और सांसदों से जुड़े आपराधिक मामलों के सालों से लंबित रहने पर झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है. हाईकोर्ट ने विधायक सांसदों पर दर्ज मामलों का निपटारा 6 महीने में करने की बात कही.
ADR ने 2019 विधानसभा चुनावो से पहले जो रिपोर्ट जारी की थी, उसके मुताबिक राज्य में तब तक 81 मौजूदा विधायक ऐसे थे, जिनपर आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से 38 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें हत्या का प्रयास जैसे मामले भी शामिल थे.
जल्द दायर हो चार्जशीट
अब सांसदों-विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों की कानूनी प्रक्रिया में बेवजह की देरी पर झारखंड हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने अब ऐसे मामलों का निष्पादन 6 महीने में करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा, इन सभी मामलों में तेजी से चार्जशीट दाखिल की जाए. जिन मामलों में चार्जशीट दाखिल हो गई है, उनमें तेजी से ट्रायल कर निपटारा किया जाए.
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिया. अदालत ने 14 दिसंबर को सरकार को प्रगति रिपोर्ट पेश कर यह बताने को कहा है कि कितने मामलों का निष्पादन कर लिया गया है.
सरकार को लगाई फटकार
सरकार की और से बताया गया कि लंबित आपराधिक मामलों का ट्रायल चल रहा है. कई मामलों में चार्जशीट दाखिल नहीं किया गया है. कुछ में जांच जारी है और कुछ गवाही के स्टेज पर हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार की रिपोर्ट में स्पष्ट कुछ भी नहीं है. रिपोर्ट से प्रतीत होता है कि 15- 20 पुराने मामले में भी जांच पूरी नहीं हुई है. यह गंभीर है.