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झारखंडः सफल रहा शिक्षा मंत्री का फेफड़ा ट्रांसप्लांट, घर लौटने की तैयारी

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो 16 फरवरी यानी बसंत पंचमी को रांची लौट रहे हैं. उन्हें अस्पताल से सोमवार को छुट्टी दे दी जाएगी. छुट्टी मिलने के बाद वे चेन्नई में ही सात दिनों तक रहेंगे. इस बीच, उनका परिवार भी उनसे मिलने चेन्नई पहुंचा हुआ है.

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एयरलिफ्ट कर चेन्नई भेजे गए थे जगरनाथ महतो (फोटो-PTI)
एयरलिफ्ट कर चेन्नई भेजे गए थे जगरनाथ महतो (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 16 फरवरी को रांची लौट रहे जगरनाथ महतो
  • फेफड़े में हो गया था संक्रमण, चेन्नई थे भर्ती
  • नवंबर में मंत्री के फेफड़े का हुआ था ट्रांसप्लांट

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो 16 फरवरी यानी बसंत पंचमी को रांची लौट रहे हैं. उन्हें अस्पताल से सोमवार को छुट्टी दे दी जाएगी. छुट्टी मिलने के बाद वे चेन्नई में ही सात दिनों तक रहेंगे. इस बीच, उनका परिवार भी उनसे मिलने चेन्नई पहुंचा हुआ है.

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जगरनाथ महतो का चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां नवंबर में उनके फेफड़े का ट्रांसप्लांट किया गया था. इसके बाद लगातार उनकी तबीयत में सुधार हो रहा था. डॉक्टरों ने उन्हें जनवरी में ही छुट्टी दे दी थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कुछ और दिन रहने की सलाह दी थी. इसके बाद वे वहां पर डॉक्टरों की निगरानी में थे और लगातार डॉक्टरों की सलाह पर व्यायाम कर रहे थे.

बताया जा रहा है कि जगरनाथ महतो की तबीयत में सुधार हो रहा है. डॉक्टरों ने उन्हें जनवरी में ही छुट्टी दे दी थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने कुछ और दिन रहने की सलाह दी थी, जिसके बाद वे वहां पर डॉक्टरों की निगरानी में थे और लगातार डॉक्टरों की सलाह पर व्यायाम कर रहे थे.

फिलहाल मंत्री के आने के बाद राज्य के शिक्षकों के मुद्दे का निराकरण निकलने की उम्मीद जतायी जा रही है. उन्होंने एक दिन पहले ही कहा है कि वे लौटते ही पारा शिक्षकों की समस्या पर काम करेंगे.

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डॉक्टरों के अनुसार, रांची पहुंचने के बाद उन्हें कई सावधानियों के साथ रहना होगा. उन्हें गंदगी औऱ एलर्जी वाले स्थानों से दूर रहना होगा. साथ ही कम से कम लोगों के बीच फिलहाल उन्हें रहने की सलाह दी गयी है ताकि किसी तरह का संक्रमण न हो. इसके अलावा दवाओं का पूरा कोर्स और बीच-बीच में डॉक्टरों से जांच कराना अनिवार्य होगा.

जब तक जगरनाथ महतो चेन्नई में भर्ती थे तब तक उनसे मिलने के लिए झारखंड से कई मंत्री पहुंचे और उनका हालचाल लिया. इस बीच खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे. परिजनों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सही समय पर निर्णय लेकर उन्हें बेहतर इलाज के लिए चेन्नई भेजा था, जहां डॉक्टरों ने समय रहते उनके संक्रमित हुए फेफड़े का ट्रांसप्लांट किया और उन्हें एक नई जिंदगी दी.

 

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