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मेरा उद्देश्य मुख्यमंत्री बनना नहीं: यशवंत सिन्हा

बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने गुरुवार को जेल से रिहा होते ही झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य यह आंदोलन खड़ाकर मुख्यमंत्री का पद हासिल करना नहीं था, बल्कि इस आंदोलन के माध्यम से बाप-बेटे की भ्रष्ट सरकार को राज्य की सत्ता से उखाड़ फेंकना है.

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यशवंत सिन्हा की फाइल फोटो
यशवंत सिन्हा की फाइल फोटो

बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने गुरुवार को जेल से रिहा होते ही झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य यह आंदोलन खड़ाकर मुख्यमंत्री का पद हासिल करना नहीं था, बल्कि इस आंदोलन के माध्यम से बाप-बेटे की भ्रष्ट सरकार को राज्य की सत्ता से उखाड़ फेंकना है.

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जेल से रिहाई के बाद सबसे पहले यशवंत सिन्हा अपने समर्थकों के साथ बेस रेशम गांव पहुंचे जहां से उन्होंने अपना आंदोलन दो जून को प्रारंभ किया था और गिरफ्तार किये जाने पर जमानत न लेकर जेल जाना स्वीकार किया था. सिन्हा ने इस गांव में दो नव स्थापित बिजली के ट्रांसफार्मरों से गांव के लिए विद्युत आपूर्ति का शुभारंभ किया जिससे वहां आजादी के बाद पहली बार लोगों को बिजली मिली.

गांव में एकत्रित हजारों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि जेल जाने का उनका फैसला कहीं से भी राज्य का मुख्यमंत्री बनने की लालसा के साथ नहीं था. वह जनता को तमाम कठिनाइयों से निजात दिलाना चाहते हैं और उनका मुख्य उद्देश्य राज्य से बेटे हेमंत सोरेन और पिता शिबू सोरेन की भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकना है.

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यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘मैं रांची पहुंच कर झारखंड भाजपा के नेताओं के साथ बैठक करूंगा और राज्य को विकास का नया रास्ता दिखाने के लिए रणनीति तय करूंगा जिससे यहां से झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार को उखाड़ फेंका जा सके. इस उद्देश्य से 21 जून से राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जायेगा. केन्द्र में जिस प्रकार मां-बेटे की सरकार को सत्ता से भाजपा ने उखाड़ फेंका. ठीक उसी प्रकार झारखंड में पिता पुत्र की सरकार को भी उखाड़ फेंका जायेगा.’

उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से इस पिछड़े गांव में वह सिर्फ 15 दिनों में बिजली की आपूर्ति चालू करा सके जिसके लिए वह दस वषरें से प्रयासरत थे लेकिन कोई सकारात्मक प्रगति नहीं हो पा रही थी. इससे पूर्व जेल में बंद पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा 17 दिनों बाद अपने 61 समर्थकों समेत जेल से रिहा हो गये.

यशवंत सिन्हा ने पार्टी के वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी के अनुरोध को देखते हुए कल यहां न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में जमानत याचिका पेश की थी जिसे स्वीकार करते हुए उन्हें और उनके समर्थकों को सात-सात हजार रुपये की दो जमानत पर रिहा करने के अदालत ने आदेश दिये थे.

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