झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में सरकार एक इंजीनियर के बचाव में अपनी ही पार्टी के विधायकों के निशाने पर आ गई. विपक्ष से पहले कांग्रेस और झामुमो (JMM) के विधायकों ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया.
दरअसल, मामला पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की स्वर्णरेखा परियोजना से जुड़ा है. इस परियोजना के तहत रांची और लोहरदगा में एलएंडटी कंपनी ने काम किया था, लेकिन कंपनी को भुगतान करने के बजाय फर्जी खाते के जरिए 20 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध निकासी कर ली गई.
इस घोटाले का मुद्दा सदन में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने उठाया. उन्होंने कहा कि मुख्य अभियंता, कार्यपालक अभियंता और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा हुआ, जिसका खुलासा खुद वित्त विभाग की रिपोर्ट में भी किया गया है. इसके बावजूद सरकार ने सिर्फ UDC (कैशियर) संतोष कुमार पर FIR कर उसे गिरफ्तार कर लिया, जबकि असली गुनहगारों को बचाया जा रहा है.
सत्तापक्ष के विधायकों ने भी साधा निशाना
सरकार की ओर से बचाव करने की कोशिश के बीच सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के विधायक भी सरकार के रुख से नाखुश दिखे. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामेश्वर उरांव, हेमलाल मुर्मू, स्टीफन मरांडी और झामुमो विधायक मथुरा महतो ने साफ कहा कि ड्रॉइंग एंड डिस्बर्सिंग ऑफिसर (DDO) कार्यपालक अभियंता होता है, ऐसे में उसकी जिम्मेदारी तय किए बिना सिर्फ छोटे कर्मचारी पर कार्रवाई करना सरासर गलत है. विधायकों ने एक सुर में मांग की कि मुख्य अभियंता और कार्यपालक अभियंता पर भी FIR दर्ज होनी चाहिए.
स्पीकर ने भी जताई नाराजगी
विधानसभा अध्यक्ष ने भी सरकार के ढुलमुल रवैये पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ठोस जवाब नहीं देती है, तो सदन की ओर से निर्देश जारी करना होगा.
सरकार ने मांगा एक हफ्ते का वक्त
इस पूरे विवाद के बीच मंत्री योगेंद्र महतो और शुदीव्य सोनू ने सदन में कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी और जरूरत पड़ने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, मंत्री ने सरकार की ओर से 7 दिन का वक्त मांगा, जिसके बाद स्पीकर ने मामले को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया. वहीं, कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भले ही कांग्रेस सरकार का हिस्सा है, लेकिन जनता ने उन्हें जनहित के मुद्दे उठाने के लिए चुना है. उन्होंने साफ कहा कि जनता के पैसे की लूट और भ्रष्टाचार के मामलों में कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
विपक्ष ने कसा तंज
बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने तंज कसते हुए कहा कि जब सरकार के अपने सीनियर विधायक ही किसी मुद्दे पर अपनी बात रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो फिर विपक्ष की भूमिका क्या रह जाती है? उन्होंने कहा कि इस प्रकरण ने साफ कर दिया है कि सरकार में अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं है.