झारखंड में राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल होते ही राजनीतिक पार्टियों में बगावत के सुर बुलंद होने लगे हैं. प्रदेश में सत्ता पर काबिज JMM के अंदर समर्थन को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. RJD उम्मीदवार प्रेमचंद गुप्ता को समर्थन देने के मुद्दे पर पार्टी के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. नाराजगी की मुख्य वजह JMM के कद्दावर नेता रहे दिवंगत सुधीर महतो की पत्नी को उम्मीदवार नहीं बनाया जाना है.
राज्यसभा नामांकन के आखिरी दिन मंगलवार को रांची में जमकर राजनीतीक ड्रामेबाजी हुई. दो सीटों के लिए हुए नामांकन में मुकेश अंबानी के खास परिमल नाथवानी ने आजसू और बीजेपी के समर्थन के साथ दूसरी पारी के लिए निर्दलीय पर्चा दाखिल किया, वहीं UPA गठबंधन यानी JMM-कांग्रेस के समर्थन से RJD प्रत्याशी प्रेमचंद गुप्ता ने परचा भरा.
उधर, इस राजनितिक ड्रामेबाजी का शिकार महज दो दिन पहले दिवंगत हुए पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुधीर महतो की पत्नी सबिता महतो को बनना पड़ा. उन्हें पहले तो JMM ने उम्मीदवार घोषित किया लेकिन पार्टी ने बाद में गठबंधन की बंदिशों के कारण RJD उम्मीदवार को समर्थन दे दिया. बहरहाल, इससे नाराज JMM के तीन विधायकों ने अपना इस्तीफा पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को सौंप दिया. सबिता महतो झारखंड निर्माण के लिए आंदोलन चलाने वाले स्वर्गीय निर्मल महतो के परिवार से हैं.
झारखंड में इस बार के राज्यसभा चुनाव ने स्थानीयता के मुद्दे पर जमकर राजनीति करने वाले दलों की पोल खोलकर रख दी है. पहले से किसी भी बाहरी और थैलीशाहों को समर्थन नहीं देने का राग अलापने वाली पार्टियां अब वैसे उम्मीदवारों के समर्थन में खड़ी नजर आई, जो न केवल थैलीशाह हैं बल्कि बाहरी भी हैं.
क्या चल रहा है परदे के पीछे
राज्यसभा चुनाव को लेकर परदे के पीछे जो कहानी चल रही है उसके मुताबिक परिमल नाथवानी ने सीधे गुजरात से पैरवी भिड़ाई और बीजेपी को साध लिया. इसके साथ-साथ नाथवानी ने बाबू लाल मरांडी को भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर शीशे में उतार लिया. यही कारण है कि 11 विधायकों वाली बाबू लाल की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा ने चुनाव से अलग रहने का ऐलान कर दिया. इसके बाद नाथवानी ने आराम से आजसू के छह विधायकों पर डोरे डाल कर बीजेपी के 18 विधायकों की मदद से जीत के लिए जरूरी 24 के जादुई आंकड़े को छू लिया है.
दूसरी ओर, UPA में भी पहले कांग्रेस ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम के नाम पर माइनॉरिटी कार्ड चला, जिसके जवाब में JMM ने क्रांतिकारी परिवार से एक विधवा महिला को उम्मीदवार बनाने ऐलान किया. लेकिन झारखंड में RJD के सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी के आगे किसी की नहीं चली और UPA के साझा उम्मीदवार के तौर पर RJD के प्रेमचंद गुप्ता ने बाजी अपने नाम कर ली.