झारखंड में हाल ही में हुई आपराधिक घटनाओं को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम की गोली मारकर हत्या और कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा पर हमला सहित अन्य आपराधिक मामलों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा.
बीते शुक्रवार को कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा को गोली मारी गई, वहीं इससे पहले आनंद मार्ग आश्रम में साधु समेत दो लोगों की हत्या कर दी गई थी. इन घटनाओं के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है.
आपराधिक घटनाओं को लेकर विधानसभा में हंगामा
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सदन में कार्य स्थगन की मांग करते हुए विधि-व्यवस्था पर विशेष चर्चा की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार का नारा हेमंत है तो हिम्मत है सही साबित हो रहा है, लेकिन यह हिम्मत अपराधियों में आ गई है और आम आदमी खुद को असहाय महसूस कर रहा है. इसके बाद विपक्ष ने वेल में जाकर जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण प्रश्नकाल बाधित हो गया.
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सदन में बयान दिया कि पुलिस जल्द ही अपराधियों को पकड़ लेगी. उन्होंने बताया कि कोयला कारोबारी पर हमले का खुलासा 2-3 दिनों में किया जाएगा और हजारीबाग हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दिया गया है. साथ ही, जेल में बंद अपराधी विकास तिवारी, अमन साव और अमन श्रीवास्तव के गिरोह पर शक जताया.
हालांकि, डीजीपी के इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने डीजीपी को बेशर्म तक कह दिया और पूछा कि अगर अपराधियों की प्लानिंग जेल से हो रही है तो सरकार कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?
हजारीबाग हत्याकांड की जांच के लिए SIT का गठन
वहीं, मंत्री इरफान अंसारी ने इस बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि आलोचना ठीक है, लेकिन किसी पदाधिकारी के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. बढ़ते अपराधों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक जारी है, लेकिन जनता अब भी सुरक्षा और न्याय की उम्मीद में है.