झारखंड के माननीय इन दिनों एक अलग किस्म की परेशानी झेल रहे है. अगर माननीय काम करें और नाम भी न हो, तो दिक्कत होना लाजिमी है. ऊपर से सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सरकारी विज्ञापनों मे मुख्यमंत्री के अलावा किसी और का फोटो न लगे. ऐसे में झारखंड के कुछ माननीयों के गले से यह बात उतर नहीं रही है. इस सिलसिले में माननीयों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अपनी पीड़ा से उनको अवगत कराया है.
सूबे में सरकार के 1,000 दिन पूरे होने वाले है. सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए बीते तीन साल में सूबे में किए गए विकास कार्यों का लेखा-जोखा जनता के सामने रखने की तैयारी में है. इसके लिए बड़े-बड़े विज्ञापन लगाए जाने की भी योजना है. ऐसे में माननीयों की चिंता इस बात को लेकर है कि अगर उनके फोटो इन विज्ञापनों में नहीं दिखेंगे, तो जनता कैसे उनके द्वारा किए गए कार्यों को जानेगी.
अब विभागीय उपलब्धियों में छप सकता है फोटो
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री रघुबर दास के साथ हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि विभागीय उपलब्धियों में मुख्यमंत्री की सामूहिक तस्वीर का भी उपयोग किया जा सकता है, जिसमें सारे मंत्री नजर आ सकते हैं. मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को आश्वस्त किया कि इस मसले पर महाधिवक्ता से तत्काल राय लेकर उचित फैसला होगा.