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झारखंड केलोहरदगा-लातेहार के सीमावर्ती बुलबुल जंगल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी माओवादी नक्सली बालक गंझू मारा गया है. लगातार आठवें दिन सुरक्षाबलों के अभियान के दौरान बुलबुल जंगल में करीब 15 मिनट तक माओवादियों के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी. इसमें बालक गंझू को ढेर कर दिया गया. बाकी नक्सली मौके से फरार हो गए.
माओवादियों का रसद, दैनिक जरूरत के सामान, एक गन और कारतूस सहित काफी सामान सुरक्षाबल अबतक बरामद कर चुके हैं. काफी सामान और कई बंकरों को बम से उड़ा भी दिया गया है. अब माओवादियों के लिए भूख-प्यास भी बड़ी चुनौती बन गई है. सूत्रों के मुताबिक माओवादी दस्ता इस इलाके के जंगल से सुरक्षाबलों की घेराबंदी से किसी तरह निकलना चाह रहा है. लेकिन जवान डटे हैं, मौके नहीं दे रहे.
खबर है कि सेरेंगदाग की ओर के जंगलों में माओवादियों के प्रतिद्वंदी नक्सली संगठन जेजेएमपी का भी जमावड़ा है. वह इस ताक में हैं कि माओवादी दस्ता इधर भागकर आए तो उन्हें टारगेट करें और अपना वर्चस्व कायम करें. 15 फरवरी को भी दोनों जिलों के सीमावर्ती नारायणपुर जंगल में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. पिछले 8 दिनों में चार बार मुठभेड़ हो चुकी है. माओवादी दस्ता लगातार अपनी जगह बदल रहा है.
नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान में सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, सैट झारखंड जगुआर और जिला पुलिस बल के अधिकारी और जवान शामिल हैं. बुलबुल गांव और आसपास के इलाके में हुए लैंडमाइन विस्फोट में अभियान के शुरुआती 2 दिन में ही कोबरा के तीन जवान के गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं. लगातार मुठभेड़ और बम धमाकों के कारण इलाके में दहशत का माहौल है. इलाके के गांवों में घरों में केवल महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे नजर आ रहे हैं. ज्यादातर युवा पुरुष दूसरी जगहों पर चले गए हैं.