झारखंड के पाकुड़ जिले के महेशपुरा इलाके के डांगापाड़ा गांव में प्रतिबंधित पशुवध को रोकने गए पुलिस कर्मियों पर भीड़ ने पथराव कर दिया. उग्र भीड़ ने पुलिस निरीक्षक रामेश्वर प्रसाद और थाना प्रभारी उमेश प्रसाद को भी खदेड़कर पीटा. ग्रामीणों की पिटाई से एसआई नंदकुमार सिंह, हवलदार संजय कुमार यादव और वाहन चालक माया शंकर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए.
इसके बाद लोगों ने सड़क जामकर हंगामा शुरू कर दिया. पुलिस के समझाने पर वो और उग्र हो गए. इतना ही नहीं, हमलावरों ने थाने का घेरावकर पथराव शुरू कर दिया और दो बम भी फेंके. पत्थरबाजी में हिरणपुर थाना प्रभारी अवधेश कुमार सिंह और पीसीआर वैन का चालक जख्मी हो गए. हालात बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. इसके बाद भी भीड़ तितर-बितर नहीं हुई, तो पुलिस ने कई राउंड हवाई फायरिंग की.
चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
इस घटना के बाद से एसपी समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी थाने में ही कैंप कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि प्रतिबंधित पशुवध को लेकर पहले ही लोगों को सूचना दे दी गई थी. इसके बाबजूद कुछ स्थानीय लोग सार्वजानिक स्थल पर खुलेआम पशुओं का वध कर रहे थे. इस पर जब पुलिस गांव पहुंची, तो वहां जमा लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है. प्रशासन का कहना है कि मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
क्या है मामला?
पुलिस के मुताबिक 100 नंबर पर सूचना मिली कि डांगापाड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में कई ग्रामीण प्रतिबंधित पशुओं के वध की तैयारी में हैं. इस सूचना पर महेशपुर के एसडीपीओ शशि प्रकाश, बीडीओ उमेश मंडल, पुलिस निरीक्षक रामेश्वर प्रसाद और थाना प्रभारी उमेश प्रसाद दलबल के साथ डांगापाड़ा गांव पहुंचे.
अधिकारियों ने देखा कि स्कूल परिसर में कुछ लोग प्रतिबंधित पशुओं का वध कर रहे हैं. साथ ही गांव के बाहर तालाब किनारे भी पशुवध किया जा रहा है. बीडीओ और एसडीपीओ ने ग्रामीणों को पशुवध करने से मना किया. अधिकारी ग्रामीणों को समझा ही रहे थे कि सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया.