कहते हैं ना कि प्रेम में बहुत ताकत होती है. पलामू में गुरुवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने इस बात को सही साबित कर दिया. यहां पत्नी के कहने पर नक्सली एरिया कमांडर अभयजी उर्फ सकेन्द्र यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया. इतना ही नहीं उसने मुख्यधारा में लौटने और जीवन भर संविधान के अनुसार चलने की कसम भी खाई. छह महीने पहले अभय की शादी हुई थी. पुलिस की दबिश और पत्नी के समझाने पर उसमें बदलाव आया.
पुलिस ने पहनाई फूलमाला
पलामू के रामगढ़ के रहने वाले अभय ने पलामू के उपायुक्त शशि रंजन और पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के सामने 3.15 बोल्ट एक्शन राइफल और 14 गोलियों के साथ आत्मसमर्पण किया. उपायुक्त एवं एसपी ने नक्सली एरिया कमांडर का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और उसके मुख्यधारा में लौटने के निर्णय को सराहा.
अब ये सुविधाएं देगी सरकार
उपायुक्त शशि रंजन ने बताया कि झारखंड सरकार का पुनर्वास पैकेज अन्य राज्यों से काफी बेहतर है. सरेंडर करने वाले नक्सली से पूछताछ के बाद उसे पैकेज के अनुसार सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. जमीन, ओपेन जेल में रहने की सुविधाएं, रोजगार आदि का निर्णय लिया जाएगा. एसपी ने बताया कि टीपीसी एरिया कमांडर को फिलहाल न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. पुनर्वास समिति के माध्यम से उसके मामलों की समीक्षा की जाएगी.
2014 में बन गया था नक्सली
एसपी ने बताया कि 2014 में अभय टीएसपीसी के नीतांतजी के दस्ते में शामिल हुआ था. 2017 में जेल गया. जून 2021 में जेल से बाहर आने के बाद चार-पांच लोगों के साथ मिलकर टीपीसी-टीएसपीसी का दस्ता बनाकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था. अभय के खिलाफ सबसे अधिक रामगढ़ थाने में केस दर्ज हैं. इसके अलावा चैनपुर में दो और गढ़वा के रमकंडा में एक मामला दर्ज है.
खानदानी जमीन के लिए बना नक्सली
अभय यादव ने पत्रकारों को बताया कि गोतिया के साथ करीब डेढ़ एकड़ खानदानी जमीन का विवाद चल रहा था. जमीन का हक न मिलने पर 2014 में टीएसपीसी के नितांतजी से प्रभावित होकर टीएसपीसी में शामिल हो गया और अपने हिस्से की डेढ़ एकड़ जमीन वापस ले ली.
ग्रामीण बैंक मैनेजर का किया अपहरण
2014 अगस्त माह से संगठन के लोगों के साथ मिलकर लेवी वसूलने और ग्रामीण बैंक रंका के मैनेजर रामलाल राम का थम्हवा स्कूल के पास से अपहरण कर लिया. 2015 में टीएसपीसी के रौशनजी के साथ संगठन में चलने लगा. 2016 के अप्रैल माह में मुसुरमु स्थित मोहन यादव के घर पर गोली चलायी. जनवरी 2017 में चौवानटांड़ स्थित ढोलमंडली जंगल में पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल रहा. इस मुठभेड़ में दस्ता सदस्य रजनीकांत मारा गया, जबकि वह बच निकला. 2017 जून में दस्ता के सदस्यों के साथ पकड़ा गया और उसे जेल जाना पड़ा.
आर्थिक तंगी के कारण फिर उठाई बंदूक
पुलिस के अनुसार जेल से निकलने के बाद अभय की आर्थिक स्थिति खराब थी. ऐसे में अभय ने पांच लोगों सोनू यादव, विशाल चौधरी, मुन्ना लोहरा, छोटू कोरवा, राजेश कोरवा के साथ मिलकर टीएसपीसी दस्ता चलाने लगा. उसने फिर से रामगढ़, चैनपुर के अलावा गढ़वा के रमकंडा और रंका थाना क्षेत्र के ठिकेदारों, व्यवसायियों, भट्ठा मालिकों को डरा धमका कर लेवी वसूलना शुरू कर दिया.