झारखंड पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक बड़े नक्सली वारदात को विफल कर दिया है. इसके साथ ही 20 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा अहीर को गिरफ्तार कर लिया गया है. कृष्णा पर 44 पुलिसकर्मियों समेत 60 से अधिक लोगों की हत्या का आरोप है.
बताया जाता है कि गिरफ्तार नक्सली को तीन राज्यों की पुलिस तलाश रही थी. झारखंड समेत ओडिशा और छत्तीसगढ़ में कृष्णा ने आतंक राज कायम कर रखा था. कृष्णा अहीर उर्फ प्रसाद जी को भाकपा (माओवादी) संगठन के रीजनल कमिटी का सदस्य बताया जाता है. उसकी क्रूरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह मामूली शक होने पर भी साथियों को मौत के घाट उतार देता था.
पुलिस के मुताबिक, कृष्णा 12 साल से पोड़ाहाट जोन का सबजोनल कमांडर है और चाइबासा के सारंडा व पोड़ाहाट क्षेत्र में सक्रिय था. रांची पुलिस व सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के संयुक्त अभियान में प्रसाद जी को तमाड़ थाना क्षेत्र के हापागाड़ा गांव से पकड़ा गया. ओडिशा पुलिस ने इस पर बीस लाख का ईनाम रखा था.
गौरतलब है कि साल 2009 में गोईलकेरा में एक पुलिस जीप को लैंड माइन ब्लास्ट कर उड़ा दिया था. इस घटना में 10 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इसी तरह बलिवा में हुए मुठभेड़ में 20 जिला बल और 9 CRPF के जवान शहीद हो गए थे. थलकोबाग कांड में 12 CRPF जवानों हत्या कर दी गई थी. यही नहीं जन अदालत लगाकर 6 युवकों की गला काटकर हत्या कर दी थी. ग्रामीण एसपी एसके झा के मुताबिक, इन सभी मामलों में कृष्णा मुख्य आरोपी है.
राज्य के पुलिस प्रमुख ने इस अभियान से जुड़े सभी पुलिसकर्मियों को ईनाम देने की घोषणा की है.