नक्सलियों को गोली सप्लाई करने वाला गिरोह झारखंड पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. पुलिस की तफ्तीश से अब तक हुए खुलासे के मुताबिक ये गिरोह पुलिस के कुछ लोगों की मदद से गोलियां हासिल करते हैं और फिर इन्हीं गोलियों से नक्सली सुरक्षाबलों के जवानों का खून बहाते हैं. राज्य की पुलिस इस मामले की जांच NIA से कराने की भी मांग कर रही है. पुलिस का कहना है कि इस मामले के तार दूसरे राज्यों से भी जुड़े हैं.
बताया जाता है की गिरोह में शामिल लोग या तो सुरक्षाबलों में रह चुके जवान हैं या उनके बेहद करीबी. यही नहीं, बताया ये भी जाता है कि सूबे के कुछ माननीय भी नक्सलियों के खैर-ख्वाह हैं.
झारखंड पुलिस को छापेमारी के दौरान कारतूसों का जखीरा भी मिला है, जिसे नक्सलियों तक पहुंचाया जाना था. पुलिस के मुताबिक नक्सल प्रभावित इलाकों में यह रैकेट बीते कई सालों से चल रहा था. इससे पहले रांची के सिल्ली थाना क्षेत्र में साल 2009 में एसएलआर के 1100 कारतूस जब्त किए गए थे. उस वक्त पांच लोग गिरफ्तार किए गए थे.
इसी प्रकार से 2011 में अरगोड़ा थाना क्षेत्र में 148 राउंड एसएलआर और 16 राउंड इंसास 5.56 की गोलियां जब्त की गई थीं. इस मामले में एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया था. 2011 में ही बरियातू थाना क्षेत्र में एसएलआर की 376 और एके 47 की 101 गोलियां बरामद की गई थीं. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.
साल 2011 में ही लोहरदगा जिले में इंसास की 163 गोलियों के साथ एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया था. यही नहीं चौपारण में साल 2012 में पुलिस ने एक यूएस मेड एम 16 असाल्ट रायफल, इटली मेड नाइन एमएम पिस्टल, यूके मेड बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद की की थी.