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झारखंड पुलिस का कारनामा, जिंदा भिखारी को भेजा पोस्‍टमार्टम हाउस

भिखारियों और गरीब-गुरबों को लेकर पुलिस की लापरवाही और मानसिकता क्‍या है, इसका ताजा उदाहरण झारखंड में धनबाद पुलिस ने दिया है. यहां पुलिस ने एक बेहोश भिखारी को मृत समझकर पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया. यही नहीं, पुलिस ने इससे पहले डॉक्‍टर से भिखारी का डेथ सर्टिफिकेट लेना भी जरूरी नहीं समझा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

भिखारियों और गरीब-गुरबों को लेकर पुलिस की लापरवाही और मानसिकता क्‍या है, इसका ताजा उदाहरण झारखंड में धनबाद पुलिस ने दिया है. यहां पुलिस ने एक बेहोश भिखारी को मृत समझकर पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया. यही नहीं, पुलिस ने इससे पहले डॉक्‍टर से भिखारी का डेथ सर्टिफिकेट लेना भी जरूरी नहीं समझा.

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जानकारी के अनुसार बीते दिनों पुलिस को शहर के मुख्‍य पोस्‍ट ऑफिस के बाहर एक 60 साल का भिखारी अचेत अवस्‍था में मिला. भिखारी को पुलिस स्‍टेशन ले जाने की बजाय पुलिस ने बगैर कोई जांच किए सीधे पोस्‍टमार्टम हाउस भेज दिया. वहीं, जब पोस्‍टमार्टम हाउस के कर्मचारी को व्‍यक्ति के जिंदा होने की खबर हुई तो उसने पुलिस स्‍टेशन में ऑफिसर इन चार्ज से संपर्क किया.

मामले की गंभीरता और अपनी भूल का एहसास होते ही पुलिस ने आनन-फानन में एम्‍बुलेंस से भिखारी को अस्‍पताल पहुंचाया. लेकिन मंगलवार दोपहर किसी अनजान रोग के कारण भिखारी की मौत हो गई. खास बात यह रही है कि भिखारी की मौत की खबर भी पुलिस को मंगलवार देर शाम हुई.

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