
झारखंड में सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप में तीन लोगों की गिरफ्तारी के मामले में बड़ा ट्विस्ट सामने आया है. पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक सब्जी विक्रेता और दूसरा मजदूर है. ये दोनों बोकारो के रहने वाले हैं.
इनके परिजनों का कहना है कि पुलिस ने इन्हें दो दिन पहले बोकारो में उनके घरों से उठाया था. इधर पुलिस ने इन तीनों को राजधानी रांची के ली-लैक होटल से गिरफ्तार करने का दावा किया है. परिजनों के मुताबिक, निवारण प्रसाद महतो बोकारो में सब्जी और फल की रेहड़ी लगाते हैं जबकि अमित सिंह दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते हैं. निवारण प्रसाद महतो के जीजा सोनू कुमार ने कोतवाली थाना परिसर में बातचीत में दावा किया कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोग निर्दोष हैं.
सरकार गिराने वाले दावों में कितनी सच्चाई?
पुलिस ने दोनों को दो दिन पहले बोकारो में यह कहकर उठाया था कि एक मामले में पूछताछ करनी है. एक-डेढ़ घंटे में छोड़ दिया जाएगा. अमित सिंह का गेट पास यह बताता है कि वे बीएसएल में ठेका मजदूरी करते हैं लेकिन फिर भी
उन्हें एक स्कॉर्पियो में बैठाकर कहीं और ले जाया गया. परिजन स्थानीय थाने में पहुंचकर उनके बारे में पूछताछ करते रहे, लेकिन पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी. आज दोपहर पुलिस ने उन्हें बताया कि दोनों को रांची कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ऐसे में उन लोगों के बारे में रांची जाकर पता किया जा सकता है.
परिजन जब रांची आए तो उन्हें मीडिया की खबरों से पता चला कि दोनों को सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. परिजनों का कहना है कि रोज कमाने-खाने वाले दोनों लोगों का राजनीति से दूर-दूर तक लेना-देना नहीं है, फिर ये सरकार गिराने की साजिश कैसे रच सकते हैं.
क्या पलट गया पूरा केस?
अब परिजनों के इस खुलासे ने केस को पूरी तरह पलट दिया है. दोपहर तक जिन लोगों को ये कहकर गिरफ्तार किया गया था कि वे सरकार गिराने की कोशिश कर रहे थे, अब उनको लेकर कहा जा रहा है कि उनका राजनीति से कोई लेना-देना ही नहीं. इस बारे में जब पुलिस से पूछा गया तो उनकी तरफ से अपने आरोपों को दोबारा दोहराया गया. जोर देकर कहा गया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल थे. पुलिस के इसी बात को आधार बनाकर JMM की तरफ से बीजेपी पर लगातार गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं.