केंद्र में भूमि अधिग्रहण बिल का झारखंड में भी विरोध शुरू हो गया है. सूबे के तमाम विपक्षी दल के नेता इस बिल को किसानों के लिए काना कानून की संज्ञा दे रहे हैं और इसके खिलाफ मोर्चाबंदी की तैयारियों में जुट गए हैं. दूसरी तरफ अन्ना हजारे का समर्थन कर रहे संगठनों ने भी इसके खिलाफ राजभवन के समीप धरना दिया. इस धरने को सूबे के प्रमुख विपक्षी दल JMM ने अपना नैतिक समर्थन दिया है.
बिल का विरोध कर रही पार्टियों का कहना है कि ये गरीब विरोधी बिल है और केंद्र सरकार ने यह कानून उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर बनाया है. JMM के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि इस बिल के खिलाफ उनकी पार्टी इसका विरोध कर रही है और उन्होंने इसके खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा भी कर दी है.
कुल मिलाकर इस मुद्दे पर दिल्ली के साथ साथ रांची की सियासत भी गर्म हो गई है. जाहिर है एकजुट हो रहे विपक्ष की वजह से राज्य में सत्ता संभाल रही रघुवर दास की सरकार को आने वाले दिनों में काफी विरोध झेलना पड़ सकता है.