राज्यसभा चुनाव के लिए झारंखड में भी दो सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है. राज्य में फिलहाल जो राजनीतिक समीकरण हैं, उसमें एक सीट सत्ताधारी दल और एक सीट विपक्ष के खाते में जाने की संभावना दिख रही है. लिहाजा, सत्ताधारी दल के घटक झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस दोनों अपने-अपने प्रत्याशी उतारने का दावा ठोक रहे हैं और दावेदारी के लिए तर्क भी पेश कर रहे हैं. जाहिर है कि ऐसे में JMM और कांग्रेस के बीच दबाव की राजनीति तेज हो गई है. बता दें कि मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार की दो सीटों पर कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो जाएगा.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी JMM सीट को लेकर सबसे ज्यादा दावा ठोक रहा है. JMM का तर्क है कि 30 विधायक होने के नाते राज्यसभा के टिकट पर पहला हक उसका है. इससे पहले 2020 में शिबू सोरेन राज्यसभा के लिए चुने गए थे.
वहीं कांग्रेस ने भी कहा है कि बेशक विधानसभा के सीट उसके (JMM) पास ज्यादा है लेकिन सरकार चलाने के लिए उसे 17 विधायकों के समर्थन की जरूरत भी है. 30 के बिना अगर 17 का काम नहीं बनता तो 17 के बिना भी 30 किसी काम के नहीं हैं. कांग्रेस चाहती है कि इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा त्याग करे. उधर, जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी भी अपने पिता के लिए लॉबिंग कर रहे हैं.
इधर, राज्य में विपक्षी पार्टी बीजेपी भी एक सीट पर दावा कर रही है. पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 28 मई को होनी है. कहा जा रहा है कि इस बैठक में प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा हो सकती है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा का मानना है कि एक सीट तो बीजेपी का जीतना तय है.
जीत के लिए 27 मतों की जरूरत
राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव 10 जून 2022 को होना है. बंधु तिर्की की सदस्यता चले जाने के बाद विधानसभा में निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या 80 है. जीत के लिए पहली प्राथमिकता 27 जरूरी मत की होगी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 30 विधायक हैं. राजद के 01 विधायक और कांग्रेस के विधायकों की संख्या प्रदीप यादव को मिलाकर 17 है.
भाजपा के विधायकों की संख्या बाबूलाल मरांडी को मिलाकर 26 है. आजसू के दो विधायक हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एक, माले के एक और दो निर्दलीय विधायक हैं.
सत्ताधारी दल
विपक्ष
कांग्रेस झारखंड में राज्यसभा सीट के लिए झामुमो पर दबाव बढ़ा रही है. कांग्रेस ने महागठबंधन के मंच से एक आम उम्मीदवार की मांग की है. झामुमो के पास 30 एमएलए और कांग्रेस के पास 17 विधायक हैं. झामुमो के समर्थन के बिना कांग्रेस के लिए उच्च सदन में जगह बनाना मुश्किल है. इन सबके बीच हेमंत सोरेन की सोनिया गांधी से बहुत जल्द मुलाकात होने की संभावना है. उधर, झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर उम्मीदवार पर अंतिम निर्णय के लिए पहले ही दिल्ली रवाना हो चुके हैं.
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